September 20, 2024

नाबालिग को बनाया गर्भवती, दस साल की सजा 

रुद्रप्रयाग, ( आखरीआंख )  नाबालिग को शादी का झांसा देकर बलात्कार कर गर्भवती बनाने के आरोप में अदालत ने दोषी युवक को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की अदालत ने दोषी को सख्त सजा सुनाई। मामले की पैरवी कर रहे डीजीसी केपी खन्ना ने बताया कि दोषी युवक को सजा वारंट तैयार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि पहले से शादी-सुदा युवक अरविंद सिंह पुत्र मदन सिंह ग्राम नाग पूर्वीयाणा विकासखण्ड जखोली ने फेसबुक पर पीड़ित नाबालिग से दोस्ती बना ली और दोस्ती बनाते-बनाते 21 जनवरी 2018 को उसे शादी का झंासा देकर खुद को अविवाहित बताकर नजदीकी कस्बे में एक लाॅज में उससे बलात्कार किया, जिसके चलते पीड़िता गर्भवती हो गई। इस बात की खबर जब अरविंद सिंह को हुई थी, वह युवती से किनारा करने लगा और विवाह से मुकर गया। इधर, जब समय गुजरने लगा और पीड़ित के माता-पिता को बेटी के गर्भवती होने की बात पता चली तो नाबालिग ने सारी बातें अपनी माता-पिता को बता दी। छः अगस्त 2018 को पीड़िता ने थाना अगस्त्यमुनि में अरविंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। पुलिस ने तहकीकात करते हुए अरविंद सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा। अदालत में पीड़िता ने सब कुछ बता दिया। मुकदमे के सुनवाई के दौरान पीड़िता ने नवजात शिशु को जन्म दिया, जिसे अरविंद ने अपना होने से इंकार कर दिया और अदालत से गुहार लगाई कि बच्चा उसका नहीं है। इसके लिए डीएनए परीक्षण की मांग की। अदालत ने अभियुक्त के प्रार्थना पत्र पर डीएनए परीक्षण का आदेश जारी किया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें अरविंद को नवजात शिशु का बाइलोजिकल पिता माना गया। विद्वान अदालत ने सभी आवश्यक पहलुओं पर विचार कर दोनों पक्षों की सुनवायी कर फैसला सुनाया। उल्लेखनीय है कि दोषी पहले से शादीशुदा था और उसका एक बच्चा भी था, लेकिन उसने यह बात पीड़िता से छुपाई थी। पीड़िता ने नवजात शिशु को जन्म नारी निकेतन देहरादून में दिया था। न्यायालय ने अभियुक्त पर एक लाख चालीस हजार का जुर्माना लगाया, जिसमें से एक लाख रूपये पीड़ित को देने के आदेश भी दिये।