November 23, 2024

भगवान मदमहेश्वर को लगाया गया नये अनाज का भोग

रुद्रप्रयाग,  ( आखरीआंख )  पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू हो गयी है। पौराणिक परम्पराओं व रीति रिवाजों के अनुसार स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को नये अनाज का भोग लगाकर कर आगामी यात्रा के निविध्न सम्पन होने की कामना की। 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम के लिए रवाना होगी तथा 21 मई को लग्नानुसार भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे।
शुक्रवार को मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भगृह में भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों की विशेष पूजा अर्चना कर आरती उतारी तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भगृह से सभा मण्डण लाया गया जहां पर पंच गौण्डारियांे की मौजूदगी में भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों की पुनः विशेष पूजा अर्चना कर आरती उतार कर भोग लगाया गया। स्थानीय श्रद्धालु ने भी छाबणी मेले का आयोजन कर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को अनेक प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। आज भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियाँ सभा मण्डप में ही विश्राम करेंगी तथा 19 मई को शीतकालीन गद्दी स्थल से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पडावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी।। 21 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोल दिये जायेंगे।