राज्यपाल बेबी मोर्य ने लिया भागवत कथा में भाग
अल्मोड़ा, ( आखरीआंख ) प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को काकड़ीघाट स्थित बाबा नीम करौली आश्रम पहुॅचकर प्रसाद ग्रहण किया और भागवत कथा में भी प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने काकड़ीघाट स्थित बाबा नीम करौली के पुत्र पं0 धर्म नारायण महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। कोसी घाटी के काकड़ीघाट स्थित बाबा नीम करौली आश्रम में 07 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा चल रही है। इस दौरान बाबा के जयकारो से सम्पूर्ण क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है। श्रीमद भागवत कथा के कथावाचक पं0 ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का सार सुनाया। काकड़ीघाट में स्थित बाबा नीम करौली आश्रम में बाबा के पुत्र धर्मनारायण महाराज की मौजूदगी में अनेक लोग उपस्थित थे। कथा वाचन सुनने विभिन्न स्थानों से लोग यहां पंहुचे।
इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि वे यहां बाबा का आशीर्वाद लेने आयी हैं। उन्होंने कहा कि बाबा नीम करौली का आशीर्वाद उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखण्ड के साथ हमेशा से रहा है। उन्होंने कहा कि दोबारा उन्हें यहां आने का यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है, अर्न्तमन की शान्ति के लिए आध्यात्मिक महापुरूषों के आशीर्वाद की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आध्यात्मिक स्थानों को धार्मिक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की जरूरत है ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को विवेकानन्द आदि जैसे आध्यात्मिक पुरूषों के बारे में जानने को मिल सके इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। पं0 धर्म नारायण शर्मा ने राज्यपाल को पुस्तक व शॉल भी भेंट किया। इस दौरान स्थानीय लोगों द्वारा अवगत कराया गया कि काकड़ीघाट में पेयजल की समस्या है जिस पर राज्यपाल ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि यथाशीघ्र पेयजल की सुचारू व्यवस्था की जाये। इस कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुंधाशु, ए0डी0सी0 डा0 असीम श्रीवास्तव, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, अपर जिलाधिकारी बी0एल0 फिरमाल, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत एन0एस0 भण्डारी, प्रशिक्षु आई0ए0एस0 विशाल मिश्रा, उपजिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा, उपजिलाधिकारी नैनीताल विनोद कुमार, पुलिस उपाधीक्षक कमल राम आर्या, पुलिस उपाधीक्षक रानीखेत वीर सिंह, संजय गुप्ता, भानु गुप्ता, राम निवास अग्रवाल, सुरेश गुप्ता, चौधरी जागेन्दर सिंह, चौधरी बाबू राम के अलावा अनेक क्षेत्रों से आये लोग उपस्थित थे।
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