क्या रिठाड़ ग्राम में भी विद्युत विभाग कर रहा कपकोट जैसी भयानक दुर्घटना का इंतजार?
गरुड़, बागेश्वर ( आखरीआंख ) विकास खण्ड गरुड़ के रिठाड़ ग्राम में भी लगता है जनपद का विद्युत विभाग हाल ही में कपकोट में हुई विद्युत दुर्घटना को दोहराने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करता नजर आ रहा है।
रिठाड़ ग्राम के एक विद्युत कनेक्शन में उसके मुख्य तार हमेशा ही हवा में झूलते नजर आते है और वो भी जमीन से सिर्फ 3,4 मीटर ही ऊपर । जिन्हें एक चीड़ के डंडे को जमीन में गाड़कर उसके सिरे पर टांग दिया गया है। और जब भी हवा जरा तेज चलती है तो ये दोनों तार डंडे से निकलकर जमीन में आ टपकते है।
ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष जब तेज हवा से ये डंडा टूट गया था तो पूरी लाइन जमीन पर आ धमकी थी जिससे एक महिला बाल 2 बची थी। और इसे आपके लोकप्रिय समाचार पत्र ” आखरीआंख ” ने बड़ी प्रमुखता से उठाया था।जिसपर जिलाधिकारी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए विभाग को तुरंत वहाँ पर विद्युत पोल लगाने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन विद्युत विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि उसने 2 बार मौके का मुआयना करने के बाद भी आजतक वहाँ पर पोल लगाना वाजिब नही समझा है।
यहाँ आपको यह भी बताते चले कि इसी लाईन के ठीक नीचे से एक 7, 8 गाँव का मुख्य रास्ता भी निकलता है। जिसमें से विद्यार्थियों के अतिरिक्त जानवरों का भी लगातार आना जाना हरदम बना रहता है। कल तेज आंधी में यह लाईन फिर एकबार जमीदोंज हो गई खुशकिस्मती यह रही कि उस समय कोई राहगीर वहाँ से नही गुजर रहा था जिसमें एक बड़ी भयानक दुर्घटना होते 2 तल गई।
लेकिन अब वर्षाकाल निकट होने पर पूरे क्षेत्रवासियों के लिए यह लाईन कभी भी एक भयानक दुर्घटना का सबब बन सकती है।
इस सम्बंध में जब अधिशासी अभियंता बागेश्वर भास्कर पांडे से सम्पर्क किया गया तो उनका कहना था कि विभाग में 9 जेई के पद कब से रिक्त पड़े हुए है। और एकमात्र जेई के सहारे पूरा जनपद चल रहा है।जिससे बिभाग को अपने कार्यों के संपादन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
खैर उन्होंने उपरोक्त जगह पर तत्काल कार्यवाही कर पोल लगाने का आस्वासन दिया हैं ।
अब देखना दिलचस्प होगा कि जल्द ही उनका आस्वासन पूर्ण होगा या कपकोट जैसी भयानक विद्युत दुर्घटना को यहाँ पर भी दोहराये जाने का सिर्फ इंतजार ही किया जाएगा।
