20 नवम्बर को बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
गोपेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुक्रवार को भगवान बदरीनाथ को भोग लगाने के बाद विधि-विधान से गणेश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। शनिवार को बदरीनाथ मंदिर परिसर में स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। वहीं इसके बाद 20 नवंबर (मंगलवार) को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। शुक्रवार को सुबह पांच बजे भगवान बदरीनाथ के साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा का भी मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक किया गया।
गणेश की प्रतिमा को बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में रखा गया। सुबह सात बजे अभिषेक पूजा संपन्न होने के बाद दिनभर बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालु के लिए खुले रखे गए।बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने बदरीनाथ भगवान का श्रृंगार किया, जबकि वेदपाठियों ने मंगलाचरण और वेद मंत्रों का पाठ किया। दोपहर बाद गणेश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान धाम में बामणी व माणा गांव के ग्रामीणों के साथ ही साधु-संतों और तीर्थयात्रियों ने भगवान बदरीनाथ की स्तुति की। शनिवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। बदरीनाथ धाम में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद तीर्थयात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को धाम में 1355 तीर्थयात्री भगवान बदरीनाथ के दर्शनों को पहुंचे। अभी तक 1057425 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम के दर्शन केर चुके हैं।