पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास, भारत के खाते में जुड़ा एक और मेडल
भारतीय उम्मीदों को लगा बड़ा झटका, बॉक्सर सतीश कुमार क्वार्टर फाइनल में हारे
टोक्यो , । टोक्यो ओलिंपिक में आज के दिन की शुरुआत भारत के लिए बेहद खराब रही। भारत के स्टार बॉक्सर सतीश कुमार क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार गए हैं। इससे भारतीयों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। वह उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव के हाथों 0-5 से हारे हैं। सतीश पहले दोनों राऊंड में ही उज्बेकिस्तान के बॉक्सर को टक्कर नहीं दे पाए। इसी के साथ उनका इस ञ्जशद्म4श ह्रद्य4द्वश्चद्बष्ह्य के सफर का अंत हो गया है।
एक ओर भारतीय महिला हॉकी टीम और डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर की जीत ने खुशी का कारण दिया, वहीं दूसरी ओर वर्ल्ड नंबर बॉक्सर अमित पंघाल और स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की हार से फैंस की गोल्ड की उम्मीद टूट गई। आज भारत ज्यादा खेलों में नहीं उतरेगा। टोक्यो ओलंपिक के 10वें दिन यानि कि आज भारत के खाते में एक कांस्य पदक जुड़ सकता है। पीवी सिंधु ब्रॉन्ज मेडल मैच में उतरेंगी। स्टार शटलर पीवी सिंधु फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। हालांकि, सिंधु के पास ब्रॉन्ज जीतने का आखिरी मौका है। इसके अलावा पुरुष हॉकी टीम सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का करने उतरेगी।
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)ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले सबसे उम्रदराज भारोत्तोलक बने चीन के ल्यू
टोक्यो , । चीनी दिग्गज ल्यू शियाओजुन ओलंपिक खेलों का स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज भारोत्तोलक बन गए हैं। 37 साल की उम्र में उन्होंने तीन नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ पुरुषों का 81 किग्रा वर्ग का खिताब हासिल किया। मंगलवार को 37 साल के हो गए ल्यू ने सोवियत संघ के रुडोल्फ प्लुकफेल्डर का रिकॉर्ड तोड़ा। 36 साल की उम्र में रुडोल्फ ने 1964 में टोक्यो में स्वर्ण पदक जीता था।
डोमिनिकन गणराज्य के जकारियास बोनट मिशेल ने 367 किग्रा के साथ रजत पदक जीता। इटली के एंटोनिनो पिजोलाटो ने 365 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता। 1998 में भारोत्तोलन शुरु करने वाले ल्यू ने कहा कि पिछले दो दशक खेल के प्रति उनका प्यार असीम हो गया था। ल्यू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे कम उम्र में भारोत्तोलन पसंद था, लेकिन अब यह मेरा प्यार है। यही कारण है कि मैं 37 साल या 40 साल की उम्र तक भी इसे जारी रखूंगा।
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)इंग्लैंड में गेंदबाजों को थोड़ा अधिक सम्मान देने की जरूरत : पंत
चेस्टर-ले-स्ट्रीट । भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी करते हुए क्रीज के बाहर खड़े रहना और गेंदबाजों का सम्मान करना दूसरे देशों की तुलना में महत्वपूर्ण होगा। पंत ने कहा, एक क्रिकेटर के रूप में जब आपको दुनिया भर में खेलना होता है, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होता है। जब आप इंग्लैंड आते हैं तो आप जानते हैं कि गेंद बहुत स्विंग करने वाली है, इसलिए हां मैं क्रीज से थोड़ा बाहर से बल्लेबाजी कर रहा हूं।
पंत ने कहा, विशेष रूप से इस तरह की परिस्थितियों में क्रीज का उपयोग करना, एक महत्वपूर्ण बात है। आपको अन्य जगहों की तुलना में गेंदबाज का थोड़ा अधिक सम्मान करना होगा। यही मैं टेस्ट मैचों के दौरान करने के लिए उत्सुक हूं। भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती इंग्लैंड में लेटरल मूवमेंट का मुकाबला करना होगा।
21 टेस्ट मैच खेल चुके 23 वर्षीय ने अपने करियर के पहले तीन टेस्ट इंग्लैंड में खेले। उन्होंने ओवल में पांचवें और अंतिम टेस्ट की दूसरी पारी में 114 रन बनाए। उनकी विकेटकीपिंग ने हाल के दिनों में उनके लिए काफी प्रशंसा बटोरी थी और वह टेस्ट मैचों में भारत के लिए नंबर-1 विकेटकीपर बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा, एक कीपर के तौर पर आप सिर्फ गेंद को देखते हैं और उस पर प्रतिक्रिया करते हैं। यही हम अभ्यास में करते हैं। बस कड़ी मेहनत का अभ्यास करते रहें और आपको मैच में परिणाम मिलेगा।
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पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास, भारत के खाते में जुड़ा एक और मेडल
टोक्यो , । भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलिंपिक-2020 में महिला एकल वर्ग का कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। उन्होंने कांसे के मैच में चीन की हे बिंगजियाओ को 21-13, 21-15 से हरा पदक अपने नाम किया। वह रियो में रजत पदक जीतने में सफल रही थीं और अब उन्होंने इस बार कांस्य पदक अपने नाम किया है। टोक्यो ओलंपिक में इस शानदार उपलब्धि के साथ पीवी सिंधू भारतीय इतिहास की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिन्होंने दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीते हैं। इससे पहले सिंधू ने पिछले ओलंपिक खेलों (रियो ओलंपिक) में रजत पदक जीता था। पीवी सिंधू ने कांस्य पदक मुकाबले में रविवार को चीन की ही बिंगजियाओ को पहले गेम में 21-13 से करारी मात दी। इसके बाद दूसरे गेम में चीन की खिलाड़ी ने शानदार अंदाज में वापसी का प्रयास किया लेकिन एक समय वो लडख़ड़ाती नजर आईं और स्कोर करीब भी पहुंचते दिखे। दूसरे गेम के मध्य में सिंधू 10-8 से आगे चल रही थीं। ही बिंगजियाओ इसके बाद भी सिंधू के पीछे-पीछे नजर आईं। स्कोर 14-11 तक बढ़ा तो लगा कि सिंधू अब रफ्तार के साथ आगे निकल जाएंगी। लेकिन अंत में सिंधू ने 21-15 से तीसरा गेम भी जीतकर नया इतिहास रचा। सेमीफाइनल में पीवी सिंधु को विश्व की नंबर वन शटलर चीनी ताइपे की ताई जू-यिंग से हार का सामना करना पड़ा था। हे बिंगजिआओ और सिंधु के बीच बैडमिंटन कोर्ट पर 15 मैच खेल चुकी हैं जिसमें 9 मैच चीन की बिंगजिआओ ने जीता है और 6 मैच सिंधु के नाम रहा है। दोनों ने पहली बार 2015 के योनेक्स सनराइज मास्टर्स क्वार्टरफाइनल राउंड में एक-दूसरे का सामना किया था, सिंधु को उस मैच में सीधे सेटों में 23-21, 21-13 के स्कोर से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले 5 भिड़ंत में चार मुकाबले में चीनी शटलर को जीत मिली है। सिंधु ने बिंगजिआओ के खिलाफ आखिरी बार 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में जीत हासिल की थी।