पाकिस्तान में 8 साल के हिंदू बच्चे को मिल सकती है मौत की सजा ईशनिंदा के आरोप में दर्ज किया गया केस
इस्लामाबाद , । पाकिस्तान से एक बड़ी और हैरान कर देने वाली एक खबर सामने आई है। यहां केवल 8 साल के बच्चे को यहां मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस बच्चे पर ईशनिंदा का आरोप लगा है। देश का यह पहला इतना छोटा बच्चा है जिसके ऊपर ईशनिंदा का आरोप है और मुकदमा चलाया जा रहा है। कानून के जानकार भी इस खबर को सुनने के बाद से हैरान है। वहीं परिवार का कहना है कि बच्चे को इस मामले फंसाया जा रहा है और उसे यह भी नहीं पता है कि ईशनिंदा कानून क्या है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे के रिहा होने पर पंजाब प्रांत के रहीम यार खान के रूढि़वादी जिले में मुस्लिम भीड़ ने एक हिंदू मंदिर पर हमला किया था जिसके बाद से बच्चे का परिवार और हिंदू सुमदाय के कई लोग अपने घरों से भागकर कहीं छुप गए हैं।
शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्र में सैनिक तैनात कर दिए गए हैं। 7 अगस्त को मंदिर हमले के सिलसिले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
यह है बच्चे का गुनाह
लड़के पर आरोप है कि उसने पिछले महीने एक मदरसे के पुस्तकालय में एक कालीन पर जानबूझकर पेशाब किया, जहां धार्मिक किताबें रखी गई थीं। ब्रिटिश अखबार द गार्डियन से बात करते हुए बच्चे के परिवार के एक सदस्य ने कहा, बच्चे को अभी ईशनिंदा के कानून के बारे में पता नहीं है। उसे झूठ बोलकर फंसाया जा रहा है। बच्चों के यह भी नहीं पता है कि उसे एक हफ्ते जेल में क्यों रखा गया और उसका अपराध क्या है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईशनिंदा के आरोपों में मौत की सजा हो सकती है।
बच्चे के रिश्तेदार कहते हैं, हमने अपनी दुकानें और काम छोड़ दिया है। पूरा हिंदू समुदाय डर गया है और हमें उनके बदले का डर है। हम उस इलाके में वापस नहीं लौटना चाहते हैं। हमें नहीं लगता कि दोषियों के खिलाफ कोई ठोस और सार्थक कार्रवाई की जाएगी। यहां हमारी सुरक्षा के लिए कुछ किया जाएगा हम अल्पसंख्यक हैं।
इतने छोटे बच्चे पर लगे ईशनिंदा के आरोप को देखने के बाद कानून जानने वाले लोग भी हैरान हैं। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक इतनी कम उम्र के किसी भी व्यक्ति पर ईशनिंदा का कानून नहीं लगाया गया है। पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने हमले के विरोध में एक पाकिस्तानी राजनयिक को तलब किया और मुस्लिम बहुल देश में रहने वाले हिंदू परिवारों की सुरक्षा की मांग की।