गरुड़ में किसान गोष्ठी: अब बंजर खेतो से होगी किसानों की आय दुगुनी, बन्दरों को खुद भगाएं किसान: डीएम
बागेश्वर गरुड़ । जिले में किसानों की समस्याओं के समाधान एवं उन्हें विभिन्न रेखीय विभागों के माध्यम से सरकारी योजनाओं का सही समय पर लाभ पहुंचाने तथा उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान व उनकी आय को बढाने आदि को लेकर जिलाधिकारी अुनराधा पाल ने गरूड़ विकास खंड कार्यालय सभागार में कृषि से जुड़े रेखीय विभागों एवं प्रगतिशील किसानों के साथ बैठक की।
बैठक में किसानों द्वारा कृषि, औद्यानिकी, पशुपालन आदि क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों में आ रही विभिन्न समस्याओं तथा उनमें आवश्यक सुधारों, विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी लेते हुए सुझाव लिए गए, साथ ही बैठक में रेखीय विभागों द्वारा जिले में कृषि, औद्यानिकी, पशुपालन आदि क्षेत्रों में किसानों के लिए संचालित योजनाओं की विभागवार जानकारी दी गई।
जिलाधिकारी ने कहा जिले में कृषि, औद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन पूर्व से यहां के किसान करते आ रहे है इसे सभी विभागों को मिलकर आगे बढ़ाना है। अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ते हुए स्वरोजगार को बढ़ाना है। उन्होंने जंगलों में अधिक से अधिक फलदार पौधों का रोपण किए जाने हेतु कार्य योजना तैयार करने के निर्देश वन विभाग को दिए तथा इसमें स्थानीय लोगों को सम्मिलित करने को कहा।
बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रगतिशील किसानों द्वारा उद्यान विभाग से सहयोग लेकर कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में हब बनाने की मांग रखी। वहीं खाली पडी जमीन पर फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाने का सुझाव दिया। डेयरी विभाग के माध्यम से डेयरी फार्म स्थापित करने, भेषज संघ के माध्यम से जड़ी-बूटी पर कार्य करने व इसके विपरण की व्यवस्था कराने के साथ ही किसानों द्वारा गोलु मार्केट में मंडी समिति द्वारा स्थापित दुकानों को स्थानीय लोगों को आवंटित करने की मांग रखी। किसानों द्वारा सडक मार्ग बनाने व स्ट्रीट लाईट लगाने की मांग पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी व नगर पंचायत को सर्वे कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरान किसानों द्वारा कृषि औद्योगिक क्षेत्र में आ रही विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु अनेक सुझाव भी दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु अधिकारी कर्मचारी गांव का अवश्य भ्रमण करें। बैठक में जिले में जड़ी-बूटी विकास के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों द्वारा तेजपत्ता सहित अन्य जडी-बूटी उत्पादन कराने की मांग पर जिलाधिकारी द्वारा भेषज संघ को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में कार्य करने वाले किसानों के आवेदन लेते हुए स्वंय हैंडहोल्डिंग करे। उन्होंने पशुपालन एवं दुग्ध विभाग को जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही डेयरी विभाग को समितियों का गठन कर कलेक्शन सेंटर बनाने के निर्देश दिए। कृषकों को कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले इसके लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसानों को मोटे अनाजों के अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करें। किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कृषि, उद्यान एवं अन्य संबंधित विभाग समन्वय से कार्य करें।
किसानों की बैठक में आये जिला उद्यान अधिकारी से जब जिला किसान संगठन के जिला सचिव अर्जुन राणा ने कहा कि उनके विभाग द्वारा अभीतक जिले में किसानों को अदरक का बीज उपलब्ध नही कराया गया हैं । जिसकी बजह से किसानों के खेत आजतक बीज की राह देख रहे है और बंजर पड़े है। ऐसे बंजर खेतो से आप कैसे किसानों की आय दुगुनी करते हैं इसपर उनका कहना था कि हमारे विभाग द्वारा इसवर्ष अदरक का बीज नही खरीदा गया हैं। मेरे द्वारा यह पूछे जाने पर की आपके विभाग द्वारा टेंडर नही कराया जाना आपके विभाग की गलती हैं या सरकार की इसपर उन्होंने चुप्पी साध ली।
सरकार को उद्यान विभाग की जांच कर यह जरूर पता करना चाहिए कि क्यों उद्यान विभाग इस वर्ष उत्तराखंड के किसानों को अदरक का बीज उपलब्ध नही करा पाया। क्या आपसी डील में सामंजस्य नही बैठ पाने के कारण इसका खामियाज़ा इस वर्ष पूरे उत्तराखंड के किसानों को भुगतना पड़ रहा हैं। और ऊपर से यह आय दुगुनी का झुनझुना क्यों?
बैठक में जब मंडी समिति के इंस्पेक्टर से जब किसानों ने पूछा कि स्थानीय किसानों को गरुड़ मंडी में अपने उत्पाद बेचने को बैठने की जगह नही मिलती हैं और उस जगह पर बाहर के लोग अपना कब्जा जमाए हुये हैं तो उन्हें इस बात की आधी अधूरी जानकारी भी पता नही थी। जबकि वह पर 2 लोगो को सिक्योरिटी गार्ड की नॉकरी पर भी लगाया गया हैं। इसपर डीएम ने इस पूरे प्रकरण की जांच मुख्य विकास अधिकारी से तुरंत करने को कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद मे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की ब्रांडिंग,पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के दौरान किसानों के माध्यम से जो सुझाव व समस्याएं आयी है, उन्हें गंभीरता से लेते हुए बेहतर क्रियान्वयन की दिशा में कार्य करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य कृषि अधिकारी गीतांजलि बंगारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आर चन्द्रा, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, खंड विकास अधिकारी केआर आर्या, मत्स्य अधिकारी मनोज मियान सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व किसान मौजूद थे।