बागेश्वर में लोनिवि की भूमि में अतिक्रमण पर एसडीएम को पेश होने के निर्देश
नैनीताल। हाईकोर्ट ने लोनिवि बागेश्वर की आवासीय कॉलोनी में किए गए अतिक्रमण पर स्टे हटाए जाने के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार करते हुए जिला विकास प्राधिकरण से दस दिन के भीतर जबाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही निर्माण कार्य पर रोक जारी रखी है। वहीं कोर्ट ने एसडीएम बागेश्वर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार व्यापार मंडल बागेश्वर के अध्यक्ष कवि जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका याचिका दायर कर कहा है, कि बागेश्वर तहसील रोड स्थिति लोक निर्माण विभाग की आवासीय कॉलोनी के अंदर निजी व्यक्ति द्वारा पीडब्ल्यूडी की भूमि पर अतिक्रमण कर व्यवसायिक निर्माण किया जा रहा है। याचिका में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की ओर से जिला प्रशासन को उक्त निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने संबंधी पत्राचार किया गया है, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिका में यह भी कहा गया, कि सिंचाई विभाग बागेश्वर की नहर के ऊपर भी अवैध अतिक्रमण किया गया है। जिसपर रोक लगाई जाए। जनहित याचिका में डीएम, एसडीएम, तहसीलदार, ईई लोनिवि, सिंचाई विभाग बागेश्वर समेत विक्रम सिंह दानू को पक्षकार बनाया गया। विक्रम सिंह दानू की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करते हुए स्टे हटाए जाने की मांग की गई, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। इससे पूर्व कोर्ट ने 24 अगस्त को इस मामले में सुनवाई के बाद निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए सभी पक्षकारों नोटिस जारी करने के साथ ही निर्माणाधीन भवन को सील करने के आदेश जारी किए थे।