नरेंद्र मोदी के जहां-जहां पांव पड़े वहां कांग्रेस को बड़ा लाभ हुआ : पवन खेड़ा
नई दिल्ली । कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी मध्य प्रदेश के चुनावी दौरे में 51 मिनट के भाषण में 44 बार कांग्रेस का नाम लिया। 1966, हम में से कोई शायद पैदा नहीं हुआ होगा, 1966 की एक फिल्म थी ‘नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे,’ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शायद वो फिल्म बहुत पसंद है। जिस राज्य में 19 साल से उनकी सरकार हो, वहां जब चुनाव प्रचार करने जाते हैं, 51 मिनट में 44 बार कांग्रेस का नाम लेते हैं, ये क्या बताता है, ये यह बताता है कि अपनी सरकार की उपलब्धियों के नाम पर बताने के लिए कुछ नहीं है, जीरो। जहां आप सत्ता में हैं वहां भी आपको कांग्रेस का सहारा लेना पड़ रहा है, ये आपकी राज्य सरकार की हालत है, ये आपकी केन्द्र सरकार की हालत है, इसीलिए कहते हैं ‘नींद हमारी, ख्वाब तुम्हारे’। पवन खेड़ा ने कहा कि अब तो हिमाचल हो या कर्नाटका हो, जहां-जहां पांव पड़े मोदी जी के, वहां कांग्रेस को बड़ा लाभ हुआ, इसलिए हम उनको अपना स्टार प्रचारक मानते हैं। स्टार प्रचारक कहना इसलिए अच्छा नहीं लगता कि झूठ बहुत बोलते हैं, थोड़ा सच बोलना शुरू कर दें तो हमारे वो सबसे अच्छे स्टार प्रचारक होंगे नरेन्द्र मोदी । मध्य प्रदेश गए वहां कहते हैं कि साहब कांग्रेस महिला विरोधी है, कांग्रेस महिला बिल का विरोध करती है, अरे साहब कुछ तो सोचकर बोलो। महिला बिल की शुरूआत किसके वक्त हुई थी? 1989 में जब महिला बिल, स्वर्गीय पाप राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे, जब संसद में आया, लोकसभा में पारित हुआ, राज्यसभा में नहीं पारित हो पाया, क्यों नहीं हो पाया, वो 7 लोग कौन थे जिन्होंने महिला बिल के विरोध में वोट दिया? मैं गिनाता हूं 1. अटल बिहारी वाजपेयी, 2. लालकृष्ण आडवाणी, 3. राम जेठमलानी, 4. जसवंत सिंह।
आप देखिए, अभी मैंने आपको 4 नाम गिनाए, चारों कौन सी पार्टी के हैं। आपकी पार्टी ने उस वक्त 1989 में जब ये बिल पास हो सकता था, तब आपकी पार्टी के नेताओं ने, आपकी पार्टी के सांसदों ने राज्य सभा में ये बिल गिराया। आ जाइए अब आप 2014 मेंज् 10 साल होने आए हैं, आपका पूर्ण बहुमत था, आपको पूरा सहयोग विपक्ष से था इस बिल पर, क्यों नहीं लाए, 10 साल आपने गंवा दिए और अब जब आप लाए हो, तब भी आप 2034, कोई कहता है 2039, 10 साल मिनिमम लगेंगे आपको इस बिल को कानून बनाने में, ये आपकी नीयत है और उसके बाद आपकी हिम्मत देखो कि मध्य प्रदेश में खड़े होकर आप कहते हो कि कांग्रेस इसके खिलाफ है। ये आपकी हिमाकत है, ये आपकी हिम्मत है, ये आपको कैसे आती है, ये हमें नहीं समझ में आता।तो असलियत आपको मैं एक-एक बिन्दुवार बता सकता हूं,
लेकिन अब इसलिए आवश्यकता नहीं है, क्योंकि देश… जैसे होता है न कि सत्यवादी हरीशचंद्र, कि अगर हरीशचंद्र ने बोला तो सच है, उसका ठीक अपोजिट नरेन्द्र मोदी ने बोला तो झूठ है, एक सर्टिफिकेट है, सर्टिफाइड लायर अगर कोई है तो माफ कीजिएगा, इस देश का प्रधानमंत्री है। आंख बंद करके, बिना गूगल रिसर्च किए आपको मालूम पड़ जाएगा कि अगर देश के प्रधानमंत्री ने बोला है तो वो झूठ है। ऐसी छवि इस देश के प्रधानमंत्री की कभी नहीं थी, किसी प्रधानमंत्री की नहीं थी, न होनी चाहिए, न होगी। पवन खेड़ा ने कहा किमध्य प्रदेश में, मैंने आपको जैसा बताया, 19 साल से सरकार इनकी, बीच में 15 महीने हमारी सरकार थी। उस 15 महीने में कमलनाथ जी की सरकार ने क्या-क्या किया? 6 लाख युवाओं को युवा स्वाभिमान योजना से जोड़ा, 20 लाख किसानों का कर्जा माफ किया और महिला सुरक्षा के लिए जब 800 करोड़ सेंटर से मांगे, वो नहीं दिए गए। क्यों, क्योंकि वो जो है न बिना एअरलाइन्स का मंत्री, बिना एअरलाइन्स का एविएशन मंत्री इस देश के इतिहास में एक ही है, उसको खरीदना था, उसके लिए पैसे चाहिए थे।
पवन खेड़ा ने कहा कि इस देश में लॉकडाउन तक को डिले किया गया, क्योंकि उस बिना एअरलाइन के मंत्री को खरीदना था, ये आपकी सरकार की, ये आपकी पार्टी की, ये आपकी मानसिकता की हकीकत है और महिला बिल पर आप बोलते हो… जब आप बचपन में शाखा-शाखा खेलते थे न, तो कांग्रेस ने देश को एक महिला प्रधानमंत्री दी थी जो पाकिस्तान से लडक़र बांग्लादेश को आजाद करा रही थी, इसलिए आप कांग्रेस के सामने महिला बिल पर तो न बोलें, महिला अधिकारों पर मत बोलिए। आप खेलिए ब्रजभूषण के साथ शाखा-शाखा और करिए महिला अधिकारों पर चर्चा।आप कहते हैं कांग्रेस को गरीबों की चिंता नहीं है, जिस नरेगा ने 23 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया, उस नरेगा का बजट आपने काट दिया, उस नरेगा को आप पानी पी-पीकर कोसते हो, फिर आप कहते हो कि कांग्रेस को गरीबों की चिंता नहीं है। आपने न केवल उन 23 करोड़ लोगों को फिर से गरीबी रेखा के नीचे धकेला, बल्कि 14 करोड़ और गरीबी रेखा के नीचे भेज दिए। तो आप जब भाषण.
या तो आपका जो भाषण लिखता है उसको बदल दीजिए या अपनी शैली बदल दीजिए। आप अब बदलें या न बदलें, सरकार आपकी अब बदलने वाली है।
राहुल गांधी ने एक चुनौती आपके सामने दी, करिकुल्लम में कास्ट रिजर्वेशन की बात हो रही है। आपकी असलियत उस दिन समझ में आ गई जब संसद में एक्ट्रेसेस थीं, राष्ट्रपति नहीं थीं, ये मानसिकता बताता है आपकी। क्यों नहीं थी राष्ट्रपति, क्योंकि वो आदिवासी हैं। फिल्म एक्ट्रेसेस आएंगी संसद में, लेकिन राष्ट्रपति नहीं आएगी। तभी राहुल गांधी कहते हैं कि आप जातिवादी हो, आप दलितों के खिलाफ हो, आदिवासियों के खिलाफ हो, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो, महिलाओं के खिलाफ हो, किस मुंह से आप वोट मांगने जाते हो, किस मुंह से आप बातें करते हो इतनी बड़ी-बड़ी। ब्रजभूषण को निकाल नहीं पाए, बात महिला अधिकारों की करते हैं। पवन खेड़ा ने कहा कि राजस्थान गए साहब कल, राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर बरस पड़े, खुद भूल जाते हैं कि कुछ साल पहले खुद सर्टिफिकेट दे रहे थे कि कोविड में सबसे अच्छा काम किया है राजस्थान सरकार ने… भूल गए, उम्र हो गई है भूल जाते हैं, हमारे घर में भी बुजुर्ग हैं, भूल जाते हैं, कोई बात नहीं, उसमें हम ज्यादा नहीं बोलेंगे और 2014 से पहले के भाषण तो खुद भी भूलना चाहते होंगे वो अपने। अबकी बार, मोदी सरकार वाले जो नारे थे, अभी ये तो चाहते होंगे भूलना, लोग कहते हैं न कि मेमोरी बढ़ाने की दवाई लेनी है, साहब हमारे दवाई लेते हैं कि कैसे भूलना शुरू करूं। डॉलर 75 पार, अबकी बार मोदी सरकार। बहुत हुआ महिलाओं पर बार, अबकी बार मोदी सरकार… अब ये तो भूलना ही पड़ेगा इन्हें, याद आ गया तो नींद कैसे आएगी और जब नींद नहीं आएगी तो हमारे ख्वाब कैसे देखोगे।