बजट के अभाव में निर्माणाधीन आईएसबीटी का काम ठप
चम्पावत । टनकपुर में बजट के अभाव में निर्माणाधीन आईएसबीटी का काम एक माह से ठप पड़ा हुआ है। संबंधित विभाग को स्वीकृत 56 करोड़ में से 45 करोड़ की धनराशि ही मिल पाई है। आईएसबीटी का निर्माण कार्य 242 करोड़ की लागत से किया जाना है। कुमाऊं के सबसे पुराने रोडवेज स्टेशन टनकपुर का निर्माण वर्ष 1960 में हुआ था। लेकिन आबादी और बसों की संख्या बढ़ने के बाद यहां पर अब रोडवेज बसों को पार्क करने के लिए सीमित जगह बच गई है। इस कार्यशाला से लगे तीन डिपो टनकपुर, लोहाघाट और पिथौरागढ़ डिपो के अलावा दूसरे डिपो की भी करीब तीन सौ से अधिक बसें पांच हजार से अधिक यात्रियों को प्रतिदिन गंतव्य तक ले जाती हैं। बस टर्मिनल के लिए रोडवेज कार्यशाला में 55.90 करोड़ की लागत से निर्माण किया जा रहा था, जिसमें से विभाग को महज 45 करोड़ की धनराशि ही मिल पाई है। जिसके बाद सीएम धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट को संशोधित कर इसकी धनराशि को बढ़ाकर 242.35 करोड़ रुपये किया गया। जिसके बाद इसके निर्माण कार्य की अवधि भी बढ़ गई। लेकिन धनराशि स्वीकृत नहीं होने से आईएसबीटी का काम बीते एक माह से बंद पड़ा हुआ है। आईएसबीटी वर्ष 2026 में बनकर तैयार होना था। 106 बीघा जमीन पर बनने वाले इस बस टर्मिनल में 140 बसों के पार्क होने की क्षमता होगी। साथ ही प्रतीक्षालय, कैंटीन, हाइटेक शौचालय समेत यात्रियों को कई आधुनिक सुविधाएं भी दी जाएंगीं।
आईएसबीटी में यह भी होगा शामिल
टनकपुर। धनराशि बढ़ते ही इसमें कई आधुनिक चीजों को शामिल किया गया है, जिसमें तीन अतिरिक्त फ्लोर बनेंगे। तीनों तलों में 13 दुकानें, दो कैफे, दो किड्स जोन, फूड कोड, दो ऑडिटोरियम बनाये जाएगा। सबसे ऊपर तल में एक बड़े होटल को भी शामिल किया गया है। इसमें कुल 14 कमरे, दो डोरमेट्री, एक कांफ्रेंस हॉल शामिल है। इसके अलावा पास में ही एक अलग भवन का निर्माण किया जाएगा। जिसमें दो नए स्टोर, एक-एक टाइम कीपर भवन और कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स बनने हैं। जिसमें 13 दुकानों के साथ अन्य सुविधाएं दी जानी हैं। टाइप-2, टाइप-3 और टाइप-4 के नए क्वार्टरों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा सड़क से लगा एक पैट्रोल पंप भी बनाया जाएगा।
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आईएसबीटी का निर्माण 242.35 करोड़ की लागत से किया जाना है। इसका एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेज दिया है। अब तक मात्र 45 करोड़ की धनराशि ही मिल पाई है। बजट के अभाव में बीते एक माह से कार्य बंद पड़ा है। – गिरीश पंत, प्रोजेक्ट मैनेजर, पेयजल निगम, लोहाघाट।