बागेश्वर में खड़िया खनन अति गंभीर: हाईकोर्ट
हल्द्वानी । बागेश्वर जिले की कांडा तहसील में खड़िया खनन से गांवों में आई दरारों को हाईकोर्ट ने अति गंभीर माना है। मामले में कोर्ट ने प्रभावित गांव के लोगों की समस्या जानने के लिए दो न्यायमित्र नियुक्त कर उनसे रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही डीएफओ बागेश्वर, राज्य स्तरीय पर्यावरण सुरक्षा अथॉरिटी और जिला खनन अधिकारी को पक्षकार बनाते हुए जवाब पेश करने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सोमवार को की। सुनवाई पर न्यायमित्र दुष्यंत मैनाली ने कोर्ट को अपना सुझाव देकर कहा कि वहां पर जितने भी खनन कार्य चल रहे हैं, उनमें राज्यस्तरीय पर्यावरण सुरक्षा अथॉरिटी के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं? उसकी रिपोर्ट भी तलब की जाए। पूर्व में खंडपीठ ने ग्रामीणों का पक्ष सुनने के लिए अधिवक्ता मैनाली को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया था।
‘जिन पर साधन थे वे हल्द्वानी बस गए
ग्रामीणों ने अपने प्रार्थना पत्र में एक समाचार चैनल से हुई वार्ता का भी हवाला दिया था। इसमें ग्रामीणों ने कहा था कि उनकी बात न तो जिलाधिकारी सुन रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री सुनने को तैयार हैं। लंबे समय से ग्रामीण उन्हें यहां से विस्थापित करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जिनके पास साधन थे, वे हल्द्वानी बस गए लेकिन गरीब गांव में ही रह गए।