मतदाता सूची पर उठते सवालों के लिए चुनाव आयोग की पहल, उठाए 3 कदम
नईदिल्ली । चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की सटीकता पर उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए 3 बड़े कदम उठाए हैं। उसने यह जानकारी एक विज्ञप्ति के जरिए दी।
आयोग अब मतदाता सूचियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपडेट करने के लिए मृत्यु पंजीकरण का डेटा प्राप्त करेगा और बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) को मानक पहचान पत्र जारी करेगा।
इसके साथ ही आयोग मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक मतदाता-अनुकूल बनाने के लिए कदम उठाएगा।
आयोग मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (2023 में संशोधित) की धारा 3(5)(बी) के अनुरूप भारत के महापंजीयक से इलेक्ट्रॉनिक रूप से मृत्यु पंजीकरण डेटा प्राप्त करेगा।
इससे चुनाव पंजीकरण अधिकारियों को पंजीकृत मौतों के बारे में समय पर जानकारी मिल सकेगी।
साथ ही बीएलओ भी फॉर्म 7 के तहत औपचारिक अनुरोध की प्रतीक्षा किए बिना, मौके पर जाकर जानकारी को फिर से सत्यापित कर सकेगा।
आयोग ने फैसला लिया है कि मतदाता सूचना पर्चियों को नई डिजाइन के जरिए अधिक अनुकूल बनाया जाए, ताकि मतदाताओं को अपना नाम ढूंढने में दिक्कत न हो।
इसके लिए मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी और ही फॉन्ट का आकार भी बढ़ाया जाएगा।
इससे मतदाता और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को कुशलतापूर्वक ढूंढना आसान हो जाएगा।
आयोग अब ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बीएलओ को मानक फोटो पहचानपत्र जारी करेंगे, ताकि मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान नागरिक बीएलओ को पहचान सकें और विश्वासपूर्वक बात कर सकें।
आयोग ने कहा कि मतदाताओं और आयोग के बीच पहले इंटरफेस के रूप में बीएलओ की पहचान जरूरी है, ताकि वह घर-घर जाकर आसानी से काम कर सके और पहचान बना सके।
ये सुझाव मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की मौजूदगी में चुनाव आयुक्तों के सम्मेलन में आए थे।
मतदाता सूची की सटीकता को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान कई लाख मतदाता अचानक बढ़ गए थे। अन्य पार्टियों ने चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर घेरा था।
