December 23, 2024

अपनी मांगों को लेकर राजभवन कूच कर रहे अधिवक्ताओं को पुलिस ने रोका

देहरादून ( आखरीआंख ) बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के बैनरतले प्रदेश भर के अधिवक्ता मंगलवार को हड़ताल पर रहे। राजधानी में अधिवक्ताओं ने राजभवन कूच भी किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें कनक चैक के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। रोके जाने के बाद अधिवक्ताओं ने वहीं पर नारेबाजी करते हुए धरना दिया।
मंगलवार को अधिवक्ता कचहरी स्थित विधि भवन पर एकत्रित हुए। इस दौरान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए राजभवन के लिए कूच किया। पुलिस द्वारा रोके जाने के दौरान अधिवक्ताओं की पुलिस के साथ नोक-झोंक भी हुई। इसके बाद वहां पहुंचे एडीएम अरविंद पांडेय ने वकीलों से ज्ञापन लिया। ज्ञापन देने के बाद वकील वहां से वापस हो गए। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में बताया गया कि अधिवक्ता हितों के लिए यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दस सूत्रीय मांगों में राज्य सरकार के उपक्रम, आयोग व कमीशन अधिकरण में रिटायर्ड जज की जगह अधिवक्ताओं की नियुक्ति करने, अधिवक्ता व उनके परिवार को बीस लाख रुपये का बीमा कवर देने, कनिष्ठ अधिवक्ताओं को पांच वर्ष तक कम से कम दस हजार रुपये फैमिली पेंशन देने, ब्याज मुक्त होम, वाहन व लाइब्रेरी लोन दिए जाने की प्रमुख मांगें शामिल हैं। वहीं, 65 वर्ष से कम के अधिवक्ता असामायिक मृत्यु पर परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता दिए जाने की भी मांग शामिल हैं। वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल बेअसर रही। रोज की तरह मामलों में सुनवाई की गई। मुकदमों की सुनवाई अन्य दिनों की तरह ही सुबह से शुरू हो गई थी। अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट बार एशोसिएशन के बैनर तले सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। इसमें अध्यक्ष ललित बेलवाल, डीके शर्मा, महेंद्र पाल, एमसी कांडपाल, गौरा देवी देव, कैलाश तिवारी, एमके रे, जयवर्धन कांडपाल, एसके शांडिल्य, नदीम मून, भुवनेश जोशी, ललित सामंत, नंदन कन्याल, किशोर गहतोड़ी, दुर्गा सिंह मेहता समेत अन्य अधिवक्ता थे। वहीं, अधिवक्ता कल्याण से संबंधित मांगों के समर्थन में जिला बार एशोसिएशन के बैनरतले अधिवक्ताओं ने कचहरी में प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला बार एसोशिएशन अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार अधिवक्ता कल्याण को लेकर गंभीर नहीं है। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस अवसर पर सचिव अरुण बिष्ट, अशोक मोलेखी, संजय सुयाल, समेत अनेक अधिवक्ता थे।