December 5, 2025

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगाई रोक

नैनीताल। उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरक्षण रोटेशन प्रक्रिया को नियमों के अनुरूप न मानते हुए यह रोक लगाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।

शनिवार को ही राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत हरिद्वार को छोड़ बाकी 12 जिलों में दो चरणों में चुनाव कराने की योजना थी। 21 जून को पंचायती राज विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी, और 23 जून से जिलों में चुनाव संबंधी कार्य शुरू होने थे। लेकिन उससे पहले ही हाईकोर्ट का आदेश आ गया, जिससे पूरी चुनावी प्रक्रिया फिलहाल ठप हो गई है।

मुख्य न्यायाधीश जी.एस. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने यह आदेश बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया। याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार ने 9 जून 2025 को नई आरक्षण नियमावली जारी की और 11 जून को पिछले आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस बदलाव के कारण लगातार चौथी बार कुछ सीटें आरक्षित हो गई हैं, जिससे वे चुनाव लड़ने से वंचित हो गए।

हाईकोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने आरक्षण तय करते समय पूर्व के निर्देशों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार अदालत के आदेशों के बावजूद स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी और चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी, जो अदालत की प्रक्रिया के विरुद्ध है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर कहा था कि राज्य सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर आयोग को भेज दी थी, जिसके आधार पर पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की गई। लेकिन हाईकोर्ट के रोक के बाद अब यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रुक गई है।

अब आगे क्या?
हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है, जिसके बाद अगली सुनवाई में यह तय होगा कि पंचायत चुनाव कब और किस आरक्षण प्रक्रिया के आधार पर कराए जाएंगे। फिलहाल प्रदेश के लाखों मतदाताओं और संभावित प्रत्याशियों को अगली अदालत की कार्यवाही का इंतजार करना होगा।