अपनी औकात में रहो , पाकिस्तानी कहे जाने पर आगबबूला हुए जावेद अख्तर, ट्रोलर्स को सुनाई खरी-खरी
नई दिल्ली । मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर अपने बेबाक अंदाज के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रति अपने प्रेम को साझा करने के बाद वह एक बार फिर चर्चा में आ गए।
जावेद अख्तर ने 15 अगस्त को सोशल मीडिया पर लिखा, मेरे सभी भारतीय बहनों और भाइयों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यह आजादी हमें थाली में परोसी नहीं गई। आज हमें उन लोगों को याद कर सलाम करना चाहिए, जिन्होंने जेलों की यातनाएं झेलीं और फांसी पर चढ़ गए। हमें यह सुनिश्चित करना है कि यह अनमोल तोहफा कभी न खोएं।
इस पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट किया, आपका स्वतंत्रता दिवस तो 14 अगस्त है।* इस पर जावेद अख्तर गुस्से में आ गए और करारा जवाब देते हुए लिखा, *बेटा, जब तुम्हारे बाप-दादा अंग्रेजों के जूते चाट रहे थे, मेरे बुजुर्ग देश की आजादी के लिए काला पानी में मर रहे थे। अपनी औकात में रहो। दरअसल, ‘काला पानीÓ अंडमान की सेलुलर जेल को संदर्भित करता है, जहां स्वतंत्रता सेनानियों को कठोर सजा दी जाती थी।
स्वतंत्रता सेनानी परिवार से नाता
जावेद अख्तर स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं। उनके परदादा फजल-ए-हक खैराबादी (1797-1861) विद्रोह 1857 के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े हुए थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ फतवा जारी किया, जिसके चलते उन्हें अंडमान की सेलुलर जेल में काला पानी की सजा मिली और वहीं उनका निधन हुआ। जावेद अख्तर के दादा मुज्तर खैराबादी और पिता जां निसार अख्तर भी प्रसिद्ध कवि रहे हैं, जिनकी रचनाएं स्वतंत्रता, प्रतिरोध और सामाजिक न्याय की आवाज रही हैं।
