तराई क्षेत्र में बीरेंन्द्र राणा की 29वीं शहादत
नैनीताल ( आखरीआंख ) देेेश की सरहदों की रक्षा करने के तराई के सीमांत क्षेत्र से बलिदान देने वालों में बीरेंę राणा की 29वीं आहुति है। देश पर कुर्बान होने की तराई के इस भू-भाग की आजादी के बाद से गौरवशाली परंपरा रही है। शहादत देने में कुमाऊं रेजीमेंट के जवान सबसे ज्यादा रहे हैं। चीन हो या पाक या फिर कारगिल सभी मौकों पर देवभूमि की इस पवित्र माटी के सपूत अपना बलिदान देने में सबसे आगे रहे हैं। सैनिक बाहुल्य इस क्षेत्र के जांबाजों ने चाहे पाकिस्तान से या चीन से मुकाबला हुआ हो हमेशा से वतन की हिफाजत के लिए सीने पर गोली खाने से गुरेज नहीं किया हैं। शहादत का इतिहास 1962 में चीन से हुए युद्ध से शुरू होता है। जब सबौरा के वीर सपूत कुमाऊं रेजीमेंट के नायक लालू चंद व भूड़ाकिसनी के नायक तारादŁा ने ēाणों की आहुति देकर सीमांत में शहादत के इतिहास की शुरुआत की थी। इसके बाद 1965 में भारत-पाक युद्घ में भूड़ महोलिया के बीईजी में तैनात सैपर ज्वाला दŁा ने ēाणों को न्यौछावर कर दिया था। 1971के भारत-पाक युद्ध में कुमाऊं रेजीमेंट के सुबेदार रामदŁा, भुजिया नंबर तीन के सिपाही उम्मेद सिंह, मेलाघाट के सिपाही आन सिंह, बिगराबाग के सिपाही टीकाराम, नौगवानाथ के सिपाही दिवानीनाथ व नौगवाठग्गू के हीरा चंद ने जान की कुर्बानी दी। यही नहीं 1984 के आपरेशन ब्लू स्टार में कुमाऊं रेजीमेंट के रतनपुर के सिपाही होशियार सिंह, आदर्श कालोनी के नायक दान सिंह, बिगराबाग के ēकाश चंę जोशी ने देश हित में ēाणों की बाजी लगा दी। 1988 में आपरेशन पवन में पैरा रेजीमेंट में तैनात वार्ड नौ के हवलदार जगदीश चंę शहीद हो गये। 1996,97 व 99 में कुमाऊं रेजीमेंट के दूयरी पटिया निवासी श्याम सिंह, बिरिया मझोला के लांस नायक जयबहादुर चंद व अमाऊं के नायक खीम सिंह ने देश के लिए जान दे दी। 2001, 2003, 2004, 2005 व 2007 के आपरेशन रक्षक में कुमाऊं रेजीमेंट के झनकट निवासी नायब सुबेदार मान सिंह, आलावृद्वि नायब सुबेदार दलीप चंद, कुआंखेड़ा के चंęशेखर, नंदना के कमान चंद ठाकुरी, मेलाघाट के भगवान सिंह, बनकटिया के नायक भवान सिंह ने वीरगति ēाप्त की थी। भवान सिंह को मरणोपरांत शौर्यचŲ से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2002 में आपरेशन पराŲम के दौरान हिल व्यू कालोनी के नायक भगवान सिंह ने जान कुर्बान कर दी थी। वर्ष 2009 में सेना के चलाये गये आपरेशन रक्षक में पैरा रेजीमेंट के नायक मनोज सिंह रूमाल ने कुपवाड़ा में देश की खातिर ēाणों की बाजी लगा दी। नगरा तराई के निवासी मनोज शौर्य चŲ विजेता थे। वर्ष 2015 में भूड़ महोलिया के कृष्णा सिंह ज्याला देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। मोहम्मदपुर भुडिया के सीआरपीएफ जवान बीरेंę सिंह राणा ने शहादत की परंपरा को कायम रखते हुए देश के लिए ēाणों का बलिदान दिया ह