सजग ग्रामप्रधान कर रहे ये कार्य , गुरुग्राम से आए तीन युवकों को रात में गोशाला में रखा
पौड़ी गढ़वाल। कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूक ग्रामीण किसी भी परिस्थिति में बाहरी रायों से आए लोगों को गांव के भीतर नहीं आने दे रहे। ताजा मामला पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक की ग्रामसभा बगेड़ा का है, जहां ग्रामीणों ने गुरुग्राम से आए तीन युवकों को तब तक एक टूटी-फूटी गोशाला में रखा, जब तक कि उनके लिए कमरे की व्यवस्था नहीं हो गई। कमरा भी गांव से दूर ही तलाशा गया, जहां वर्तमान में तीनों लोग रह रहे हैं।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्र ने प्रदेश सरकारों को यह छूट दे दी कि वह दूसरे रायों में फंसे अपने प्रदेश के लोगों को वापस घर ला सकती हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार ने भी दूसरे रायों में फंसे लोगों को वापस घर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। पौड़ी जिले में भी बड़ी तादाद में बाहरी रायों में रह रहे लोगों को उनके घर लाया जा रहा है।
शुक्रवार को गुरुग्राम से परिवहन निगम की बस अप्रवासियों को लेकर कोटद्वार पहुंची, जहां से स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें गंतव्य को रवाना कर दिया गया। गुरुग्राम से पहुंचे इन अप्रवासियों में तीन रिखणीखाल ब्लॉक के ग्राम बगेड़ा के तोकग्राम अमडंडा पल्ला के भी थे। सात-आठ मई की मध्य रात्रि तीनों गांव में पहुंचे, जहां उन्हें एक पुरानी टूटी-फूटी गोशाला में रोक दिया गया। इसके बाद सुबह तीनों युवकों को गांव से कुछ दूर एक पुराने मकान में भेज दिया गया, जहां वो 14 दिन तक क्वारंटाइन रहेंगे।
ग्राम प्रधान सरिता देवी ने बताया कि गांव के स्कूल का रास्ता गांव के बीच से होकर गुजरता है। ग्रामीणों ने बाहरी रायों से आए लोगों को गांव के भीतर लाने पर कड़ा एतराज जताया, जिस कारण उनकी व्यवस्था स्कूल में नहीं हो पाई। बताया कि जिस स्थान पर उनके रुकने की व्यवस्था की गई है, वह स्थान गांव से करीब तीन किमी दूर है, ऐसे में रात के वक्त तीनों को वहां तक ले जा पाना संभव न था। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए रात में तीनों के रुकने की व्यवस्था गांव के समीप ही एक पुरानी गोशाला में की गई और आठ मई की सुबह तीनों को गांव से दूर एक भवन में शिट कर दिया गया। तीनों को बर्तन व पर्याप्त राशन दिया गया है।