June 29, 2024

कुमाऊँ कमिश्नर ने की डीएम बागेश्वर की तारीफ,सराहना की गरूड गंगा पुनर्जनन अभियान की

बागेश्वर ।  आयुक्त कुमांऊ मंडल अरविंद सिंह हृयांकी ने वीसी के माध्यम से कुमांऊ मंडल के जिलाधिकारियों के साथ कुमांऊ की विभिन्न नदियों के पुनर्जनन के संबंध में कियें गयें कार्यो आदि के संबंध में वीसी के माध्यम से समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि कोसी पुनर्जनन जैसी महत्वपूर्ण योजना जिसके अंतर्गत कुमांऊ संभाग की विभिन्न नदियों के पुर्जनन का कार्य किया जा रहा हैं, में सभी को दृढ इच्छाशक्ति एवं मनोबल के साथ कार्य करने की आवश्यकता हैं, जिसमें अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत चयनित की गयी नदियों के पुनर्जनन हेतु ठोस रणनीति कि तहत धरातली रूप में कार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि इस हेतु यह आवश्यक हैं कि सबसे पहले संबंधित नदी क्षेत्र का चिन्हिकरण करते हुए नदी के पुनर्जनन हेतु क्या-क्या कार्य कियें जाने हैं इस संबंध में स्पष्ट विवेचना करते हुए एक मजबूत रणनिति के तहत धरातली रूप में कार्य करने की आवश्यकता हैं, ताकि व्यवहारिक धरातल पर नदियों के पुनर्जनन संबंधी कार्यो का परिणाम दिखायें दें। जिसमें वृक्षारोपण, चाल-खाल तथा चैकडैम आदि तथ्यों का स्पष्ट उल्लेख किया जाय। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनर्जनन हेतु तैयार की जाने वाले कार्ययोजना के तहत लगायें जाने वाले पेड-पौधो, तैयार की जाने वाले चैकडैम आदि की जीओ टैंगिग कराते हुए जी0आर्इ0एस0 मैपिंग अवश्य करायी जाय। साथ ही इसमें अधिक से अधिक जन सहभागिता भी सुनिश्चित की जाय। जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने गरूड गंगा पुनर्जनन के संबंध में जानकारी देते हुए आयुक्त महोदय को अगवत कराया कि गरूड गंगा पुनर्जनन के संबंध में सूक्ष्म एवं वृहद दोनो रूप में प्लांन तैयार कियें गये हैं जिसमें गरूड गंगा क्षेत्र को नौ रिचार्ज जोनों में विभाजित करते हुए हर क्षेत्र के लिए नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्त की गयी हैं। इसके अतिरिक्त नौ रिचार्ज जोनों में वन विभाग द्वारा लगभग 53 हैक्टेयर भूमि के अंतर्ग्ात 58300 पौधे, 8000 चैकडैम, 5000 इनफिलटेशन होल आदि तैयार कियें गये हैं उक्त सभी कार्यो की जी0आर्इ0एस0मैंपिंग का कार्य भी किया गया हैं। गरूड गंगा पुनर्जनन योजना अंतर्गत वन विभाग द्वारा जी0आर्इ0एस0 आधारित नौ रिचार्ज जोन में जैविक/यांत्रिक गतिविधियों हेतु 05 वर्षो का प्लांन 2019-20 से 2023-24 तक के लिए जिसकी कुल लागत 553.72 लाख हैं तैयार किया गया हैं जिसमें से वर्ष 2019-20 हेतु 02 करोड, 37 लाख, 56 हजार के प्लांन पर कार्य किया गया हैंं, किंतु धनाभाव मे ंकार्य पूर्ण नहीं किया जा सका। वही दूसरी ओर मनरेगा के तहत 21 लाख, 65 हजार की धनराशि से 24,200 पौधो का वृक्षारोपण, 112 खाल, 12,900 खंतियां एवं 44 तालाब आदि कार्यो को किया गया। इस कार्यो के परिणाम स्वरूप भूमिगत जल प्रवाह के स्तर मे ंवृद्धि हुर्इ हैं। जिलाधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि हरेला पर्व के दृष्टिगत विभिन्न विभागों वन, कृषि, उद्यान, ग्राम्या, ग्राम विकास तथा सिंचार्इ आदि के माध्यम से लगभग 71 हजार पौधों के वृक्षारोपण की कार्ययोजना तैयार की गयी हैं। मंडलायुक्त ने जनपद बागेश्वर द्वारा गरूड गंगा पुनर्जनन योजना के तहत कियें जा रहें कार्यो पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को बधार्इ दी और आशा भी व्यक्त की कि भविष्य में भी इसी दृढ इच्छाशक्ति के साथ कार्य करेंगे। साथ ही उन्होने ऐसे जनपद जहां अभी तक नदियों के पुनर्जनन के लिए क्षेत्रों का चिन्हीकरण नहीं किया हैं उन्हें जल्द से जल्द से चिन्हीकरण करते हुए एक मजबूत रणनीति के तहत कार्य करने के निर्देश दियें, ताकि कुमांऊ संभाग ऐसी नदिया जिन्हें वर्तमान समय में सरंक्षण की अतिआवश्यकता हैं को संरक्षित करते हुए बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सकें। वीसी में प्रभागीय वनाधिकारी मंयक शेखर झॉ, जिला विकास अधिकारी के0एन0तिवारी, अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, मुख्य कृषि अधिकारी वी0पी0मौर्या, उद्यान अधिकारी आर0के0सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अधि0अभि0 जल निगम सी0पी0एस0गंगवार, ग्रामीण निर्माण विभाग रमेश चन्द्र सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहें।