व्यापारियों ने बैंक का किया घेराव
रुद्रपुर (आखरीआंख समाचार ) काशीपुर बाईपास मार्ग पर स्थित कोटक महेंद्रा बैंक में खाताधारक द्वारा खाता बंद कराये जाने के बावजूद बैंक द्वारा जमा कराये गये प्रॉपर्टी के कागजात वापस न किये जाने से भड़के खाताधारकों ने तमाम व्यापारियों के साथ बैंक पहुंचकर हंगामा काटा और बैंक का कार्य पूरी तरह से बंद करा दिया तथा प्रबंधक का घेराव कर जमा कराये गये प्रॉपर्टी के पेपर उपलब्ध कराने की मांग की।
अशोक जैन व सुमित श्यामपुरिया ने बताया कि उनके परिजनों की दो फर्म जय वर्धमान इंडस्ट्रीज व श्यामपुरिया मिलिंग इंडस्ट्रीज के नाम से कोटक महेंद्रा में पिछले करीब 9 वर्षों से दो सीसी खाते खोल गये हैं। उनका कहना था कि कुछ समय पूर्व बैंक द्वारा उनके खातों में अनावश्यक रूप से दो प्रतिशत ब्याज सहित जीएसटी की कटौती कर दी गयी। इस संबंध में जब बैंक अधिकारियों से जानकारी चाही गयी तो उन्होंने कोई स्पष्ट जबाब नहीं दिया जिससे नाराज होकर उन्होंने बैंक में अपने दोनों सीसी खाते बंद करा दिये तथा बैंक द्वारा दर्शाए गए जुर्माने व ब्याज की रकम को अदा कर दिया। उनका कहना था कि जब उन्होंने बैंक में खाता खोलने के दौरान जमा कराये गये अपनी प्रापर्टी के कागजात वापस मांगे तो वह टाल मटोल करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि वह पिछले कई दिनों से निरंतर कागजात के लिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें कागजात उपलब्धनहीं कराये जा रहे जिस कारण अन्य बैंकों से लोन लेने में समस्याएं आ रही हैं और इससे उनका व्यापार पूरी तरह प्रभावित हो गया है। उन्होंने बताया कि बार बार कागज मांगने पर शाखा प्रबंधक द्वारा लखनऊ एवं बरेली शाखा के अधिकारियों से वार्ता की गयी लेकिन अभी तक वहां से प्रापर्टी के कागज नहीं पहुंच सके हैं। व्यापार मण्डल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने शाखा प्रबंधक अनुज कपूर को कहा कि बैंक की इस कार्यप्रणाली के कारण तमाम खाताधारक बैंक खाता बंद कराने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने अशोक जैन व सुमित श्यामपुरिया की फर्मों द्वारा जमा कराये गये प्रापर्टी के कागज शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा अन्यथा इसके खिलाफ आंदोलन करने की भी चेतावनी दी। बैंक प्रबंधक कपूर द्वारा बताया गया कि बैंक द्वारा शीघ्र ही प्रापर्टी के कागज उपलब्ध करा दिये जायेंगे। इस दौरान बैंक का कार्य बंद होने से खाताधारकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। घेराव करने वालों में राजेश कामरा, विनीत जैन, सचिन मुंजाल, रितेश मनोचा, विजय श्यामपुरिया, विष्णु जिंदल, राजेश अग्रवाल, तरनजीत सिंह सहित तमाम व्यापारी शामिल थे।