May 21, 2024

पहले टेस्ट के लिये आज पहुंचेगी न्यूजीलैंड की टीम

कानपुर , ।  न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृखंला का पहला मैच खेलने के लिये भारतीय टीम के 11 खिलाड़ी कानपुर पहुंच चुके है जबकि अन्य पांच खिलाड़ी और न्यूजीलैंड की पूरी टीम सोमवार को पहुंचेगी।
ग्रीनपार्क स्टेडियम पर सीरीज का पहला मुकाबला 25 नवंबर से खेला जायेगा। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के सूत्रों के मुताबिक कोलकाता में तीसरे और आखिरी टी-20 मुकाबले के बाद भारतीय टीम के पांच और न्यूजीलैंड का पूरा स्कवाड चार्टड प्लेन से सोमवार को यहां चकेरी हवाई अड्डे पर उतरेगा।
दोनो टीमों को शहर के एकमात्र पांच सितारा होटल लैंडमार्क पर ठहराया जायेगा। होटल के 14वें फ्लोर को न्यूजीलैंड और 15वें फ्लोर को भारतीय खिलाडिय़ों के लिये आरक्षित किया गया है। टीम के 11 खिलाड़ी शुक्रवार को यहां पहुंच चुके थे जिन्हे 17वीं मंजिल पर चरंटीन किया गया है। भारतीय टीम के कल यहां पहुंचने वाले खिलाडिय़ों में लोकेश राहुल,श्रेयस अय्यर,शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज शामिल है।
उधर पहले टेस्ट की मेजबानी के लिये ग्रीनपार्क स्टेडियम पूरी तरह तैयार हो चुका है। प्लेयर्स पवेलियन पर हाल में ही उभर कर सामने आयी तकनीकी दिक्कतों को सुलझा लिया गया है वहीं पिच और आउटफील्ड का काम भी अंतिम चरण में है।
पांच साल के लंबे अंतराल के बाद अंतर्राष्ट्रीय मैच की मेजबानी कर रहा यह मैदान 22 सितम्बर 2016 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच आयोजित करके भारतीय क्रिकेट टीम के 500वें टेस्ट मैच का गवाह बना था। विराट कोहली, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत जैसे स्टार बल्लेबाजों को पहले टेस्ट में विश्राम दिया गया है। इसके बावजूद मैच को लेकर स्थानीय दर्शकों में खासा उत्साह है जिसका प्रमाण है कि टिकटों की बिक्री के पहले दो दिन में कम 150,200 और 400 रूपये की कीमत वाले सभी टिकट बिक चुके हैं।
अजिंक्या रहाणे के नेतृत्व में पहले टेस्ट के लिये टीम में चेतेश्वर पुजारा (उपकप्तान),केएल राहुल,मयंक अग्रवाल, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, आर अश्विन, अक्षर पटेल, जयंत यादव, इशांत शर्मा, उमेश यादव, मो. सिराज, प्रसिद्ध कृष्ण शामिल है।
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कानपुर में पहले टेस्ट मैच के लिये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कानपुर , । कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच 25 नवंबर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिये सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये है।
कमिश्नरेट पुलिस ने मैदान से लेकर खिलाडिय़ों के ठहरने वाले स्थान को मजबूत सुरक्षा घेरे मे रखा हुआ है और 11 चक्रीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है। सुरक्षा के लिए दो डीसीपी स्तर के अधिकारियों को इसका जिम्मा दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की चूक होने की संभावना न बचे।
मैदान के अंदर से लेकर बाहर व होटल तक खुफिया नजरें पूरे आयोजन पर लगी हुई है। बीसीसीआई की तरफ से यूपीसीए के वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर तथा सिक्योरिटी इंचार्ज मेजर एस बी सिंह नियुक्त किए गए हैं। टीम इंडिया के 10 खिलाड़ी यहां पहुंच चुके है जबकि शेष खिलाड़ी और न्यूजीलैंड टीम के सभी खिलाड़ी 22 नवंबर को शहर आएंगे।
कानपुर में 23 नवंबर तथा 24 नवंबर का दिन अभ्यास के लिए निर्धारित किया गया है जिसमें दोनों टीम के अभ्यास का समय सुबह 10:00 से 1:00 तक व शाम 2. 00 से 5. 00 तक का समय दिया गया है जिसमें दोनों टीमें अलग-अलग समय पर नेट प्रैक्टिस करेंगे। ग्रीन पार्क की व्यवस्था को 11 जोन में विभाजित किया गया है प्रत्येक जोन का इंचार्ज एडिशनल डीसीपी या एसीपी स्तर के अधिकारी को बनाया गया है।
ग्रीनपार्क मैदान को 11 जोन में बांटा गया है।जिसमें एक इनर और आउटर कार्डन बनाए गए हैं।इनर कार्डन को 1 से 5 तक तथा ग्रीन पार्क के आउटर कार्डन को तीन जोन 6,7,8 में बांटा गया है।ग्रीन पार्क के बाहर यातायात को सुचारू रूप से चलाने /पार्किंग आदि की व्यवस्था को सही रखने जोन 9 और 10 में तथा खिलाडिय़ों के ठहरने के स्थान होटल लैंडमार्क को जोन नंबर 11 बनाया गया है।
मैच के लिए डीसीपी रैंक के दो, एडीसीपी 10, एसीपी 16 तैनात किये गये है। इसके अलावा 68 इंस्पेक्टर, 324 एस आई, 12 महिला उपनिरीक्षक और 1369 हेड कांस्टेबल / कांस्टेबल की ड्यूटी लगायी जायेगी।
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(मेलबोर्टी20 मनोरंजन की दिशा में बहुत आगे निकल गया है : चैपल
मेलबोर्न , । लगभग एक दशक तक ऑस्ट्रेलिया के पकड़ से बाहर रही टी20 विश्व कप ट्रॉफी आखऱिकार उनके हाथ आ ही गई। आक्रामक बल्लेबाज़ी के साथ साथ सटीक गेंदबाज़ी से यह संभव हो पाया। निश्चित रूप से इसमें टॉस ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का काफ़ी साथ दिया और वह ज़्यादातर मैचों में टॉस जीतने में क़ामयाब रहे। यूएई के कई बड़े मैचों में भी टॉस जीतो – मैच जीतो वाला हाल था।
इस टी20 विश्व कप कप को अच्छी-ख़ासी सफलता प्राप्त हुई लेकिन सुपर 12 और नॉकआउट मैचों में टॉस का मैच के परिणाम पर इस तरीक़े से प्रभाव पडऩा, इस वैश्विक टूर्नामेंट की सबसे बड़ी कमज़ोरी थी।हालिया वक़्त में इस तरह के टी20 टूर्नामेंटों की मांग बढ़ी है। लोग चाहते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के टूर्नामेंट हो। साथ ही हम फ्ऱैंचाइज़ी क्रिकेट की सफलता और इसकी मांग के बारे में भी भलि-भांति जानते हैं।हालांकि टी20 प्रारूप में सुधार के लिए ज़रूरी बदलावों पर व्यापक सर्वेक्षण करने की ज़रूरत है। इसे और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए, टूर्नामेंट में यह सुनिश्चित करने का एक तरीक़ा ढूंढना होगा कि टॉस खेल में उतना महत्वपूर्ण ना बने।
टी20 क्रिकेट पर व्यापक रूप से दो अलग-अलग विचार हैं। लंबे समय से क्रिकेट प्रशंसकों को डर है कि आने वाले समय में अन्य प्रारूपों की तुलना में यह प्रारूप सबसे अधिक अहम हो जाएगा जो सिफऱ् छक्के मारने वाले बल्लेबाज़ों का समर्थन करता है, जिसमें ज़्यादातर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को जीत मिलती है। फिर कुछ प्रशंसक ऐसे हैं, जो बल्ले और गेंद के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा की कमी से चिंतित नहीं हैं।
चैपल ने क्रिकइंफो में अपने कालम में लिखा ,इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मेरी इस उम्र में मैं बल्ले और गेंद की बीच एक अच्छी प्रतिस्पर्धा देखना चाहता हूं, और अगर यह बल्लेबाज़ी की प्रदर्शनी बन जाती है, तो मैं जल्द ही इस खेल में रुचि खो दूंगा। मेरा विचार है कि प्रशंसकों को बल्ले और गेंद के बीच की प्रतियोगिता से जुड़े रहना चाहिए, टीम और व्यक्तिगत दोनों तरह की सामरिक लड़ाइयों का आनंद लेना चाहिए और बल्लेबाज़ी में एक निश्चित मात्रा में कलात्मकता की आवश्यकता होती है, इस बात तो समझने की आवश्यकता है। यदि ये विशेषताएं या तो गायब हैं या लगभग न के बराबर हैं, तो खेल को क्रिकेट के रूप में देखने की कल्पना करना भी एक संघर्ष के जैसा है। इसके बाद बात खेल और मनोरंजन के संतुलन पर आती है। मेरी राय में टी20 क्रिकेट में संतुलन मनोरंजन के लिए 60 और 40 खेल के आसपास होना चाहिए। फि़लहाल यह असंतुलित है और शुद्ध मनोरंजन के पक्ष में है।
पूर्व कप्तान ने कहा,प्रशासकों को बल्ले और गेंद दोनों के बीच आदर्श संतुलन खोजने और क्रिकेट के मूल्यों पर प्रशंसकों को शिक्षित करने की आवश्यकता है। यह ठीक है जब गेंद बल्ले के बीच में लगी हो और वह सीमा रेखा के बार स्टैंड्स में जाकर गिरे। साथ ही एक गेंदबाज़ को बेहद गुस्सा भी होना चाहिए जब एक मिस हिट सीमा रेखा के बाहर जाकर गिरे। यह समस्या बड़े ऑस्ट्रेलियाई मैदानों पर इतनी स्पष्ट नहीं है। हालांकि मुझे पता नहीं है कि किस विवेक के साथ बल्लेबाज़ी और छोटी सीमा रेखाओं का एक संयोजन तैयार किया गया है। यह संयोजन गेंदबाज़ों को महज़ बोलिंग मशीन तक सीमित कर रहा है। यह अच्छे गेंदबाज़ों के लिए एक गंभीर मामला है और इसे तुरंत ठीक करने की ज़रूरत है।