सेंचुरियन में मोहम्मद शमी ने रचा इतिहास
नई दिल्ली । टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने सेंचुरियन टेस्ट में इतिहास रच डाला। भारत की ओर से सबसे तेज 200 टेस्ट विकेट लेने के मामले में मोहम्मद शमी तीसरे तेज गेंदबाज बन गए हैं। शमी ने अपने 55वें टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की, जबकि कपिल देव ने ऐसा 50वें टेस्ट जबकि जवागल श्रीनाथ ने 54वें टेस्ट मैच में किया था। शमी ने इस मुकाम तक पहुंचने का क्रेडिट अपने पिता और भाई को दिया है। सेंचुरियन टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद शमी ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान कहा कि वह जहां पहुंचे हैं, उसका सबसे ज्यादा क्रेडिट उनके पिता को जाता है। शमी ने कहा, मैं आज जहां भी हूं और जो भी हूं मुझे लगता है उसका सबसे ज्यादा क्रेडिट मेरे पिता को जाता है। क्योंकि मैं ऐसे क्षेत्र से हूं, जहां ज्यादा सुविधाएं नहीं थीं। पांच विकेट लेना काफी खास है, इसके लिए काफी कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। अपनी सफलता के लिए मैं अपने पिता और भाई को क्रेडिट देना चाहूंगा। मेरे पिता और मेरे भाई ने हमेशा मेरा साथ दिया। मैं जहां हूं वह सिर्फ उनकी वजह से हूं। शमी ने सेंचुरियन टेस्ट के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीका के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। भारत ने पहली पारी में 327 रन बनाए, जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम महज 197 रनों पर सिमट गई। शमी ने एडेन मार्करम, कीगन पीटरसन, टेम्बा बवुमा, वियान मुल्डर और कगीसो रबाडा का विकेट लिया। शमी ने इस मैच के दौरान अपने 200 टेस्ट विकेट भी पूरे कर लिए। यह छठा मौका था, जब शमी ने एक पारी में पांच विकेट झटके हैं।
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)दूसरी बार पिता बने इरफान पठान, बेटे का नाम रखा सुलेमान खान
नई दिल्ली , । टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान दूसरी बार पिता बने हैं। इरफान ने अपने दूसरे बेटे के साथ फोटो शेयर की और बताया कि इसका नाम उन्होंने सुलेमान खान रखा है। इरफान ने साथ ही जानकारी दी कि उनका बेटा और पत्नी दोनों ही स्वस्थ हैं।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, सफा और मैं हमारे बच्चे सुलेमान खान का स्वागत करते हैं। बच्चा और मां दोनों ठीक और स्वस्थ हैं। आपको बता दें कि इरफान का बड़ा बेटा इमरान खान पठान पांच साल का है। इरफान 2007 में पहले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्होंने साल 2020 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी-20) से संन्यास ले लिया था।
इरफान पठान ने भारत की ओर से कुल 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इरफान पठान ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच अक्टूबर 2012 में खेला था। इरफान ने तीनों फॉर्मेट में क्रम से 1105, 1544 और 172 रन बनाए हैं इसके अलावा 100, 173 और 28 विकेट लिए हैं।
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विकेटों के पतझड़ के बीच चमके मोहम्मद शमी, भारत को 146 रनों की लीड
नई दिल्ली , । मोहम्मद शमी की अगुवाई में तेज गेंदबाजों ने विकेटों के पतझड़ के बीच भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन यहां पहली पारी में बड़ी बढ़त दिलाई। दूसरे दिन लगातार बारिश होने के कारण पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी। दिन भर में 268 रन बने और 18 विकेट गिरे। भारतीय टीम सुबह तीन विकेट पर 272 रन से आगे खेलते हुए पहली पारी में 327 रन तक ही पहुंच पाई लेकिन उसने दक्षिण अफ्रीका को 197 रन पर आउट करके 130 रन की मजबूत बढ़त ली। भारत को दिन के अंतिम सत्र में फिर से बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ा। उसने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 16 रन बनाए हैं और उसकी कुल बढ़त 146 रन की हो गई है। पहली पारी में 123 रन बनाने वाले केएल राहुल पांच रन बनाकर क्रीज पर बने हुए हैं। सुबह एनगिडी (71 रन देकर छह) और कैगिसो रबाडा (72 रन देकर तीन) भारत के बाकी बचे सात विकेट 55 रन के अंदर निकाले तो बाद में जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के बावजूद भारतीय तेज गेंदबाजों ने कहर बरपाया। शमी ने 44 रन देकर पांच विकेट लिए तो बुमराह (16 रन देकर दो) और शार्दुल ठाकुर (51 रन देकर दो) ने दो–दो जबकि मोहम्मद सिराज (45 रन देकर एक) ने एक विकेट हासिल किया। दक्षिण अफ्रीका तेम्बा बवूमा (52) और च्ंिटन डिकॉक (34) के बीच पांचवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी के दौरान ही कुछ अच्छी स्थिति में दिखा।
भारत की दूसरी पारी में मयंक अग्रवाल केवल चार रन बनाकर मार्कों जेनसन की पहली गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे। अपना पहला मैच खेल रहे जेनसन के पास हैट्रिक का मौका था क्योंकि उन्होंने भारत की पहली पारी में आखिरी विकेट लिया था लेकिन नाइटवाचमैन शार्दुल ठाकुर (नाबाद चार) ने उन्हें यह उपलब्धि हासिल नहीं करने दी। दक्षिण अफ्रीकी पारी में बुमराह ने पारी की पांचवीं गेंद पर ही कप्तान डीन एल्गर (एक) को विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई।
शमी ने लंच के बाद तीसरी गेंद पर कीगन पीटरसन (15) को बोल्ड किया। उनकी लगभग हाफ वॉली पर की गई गेंद बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। इसके बाद उन्होंने एडेन मार्करम (13) के ऑफ स्टंप से गिल्लियां बिखेरी। बुमराह को टखना मुडऩे के कारण मैदान छोडऩा पड़ा लेकिन उनकी जगह गेंद संभालने वाले सिराज ने आते ही रॉसी वान डर डुसैन (3) को गली में अंजिक्य रहाणे के हाथों कैच कराकर स्कोर चार विकेट पर 32 रन कर दिया। उन्हें अगली गेंद पर डिकॉक का विकेट भी मिल जाता लेकिन राहुल तीसरी स्लिप में कैच नहीं ले पाये। इससे पहले, हालांकि डिकॉक ने ठाकुर की गेंद अपने विकेटों पर खेली जिससे बवूमा के साथ उनकी साझेदारी का अंत हुआ। चायकाल के बाद शमी ने वियान मुल्डर (12) को विकेट के पीछे कैच कराया। बावुमा ने शमी पर खूबसूरत चौका लगाकर 16वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया लेकिन एक गेंद बाद विकेटकीपर को कैच दे बैठे। पंत ने इस कैच से टेस्ट मैचों में 100 शिकार पूरे किए। रबाडा (25) और अपना पहला टेस्ट खेल रहे मार्को जेनसन (19) ने आठवें विकेट के लिए 37 रन की साझेदारी की। ठाकुर ने जेनसन को पगबाधा करके यह भागीदारी भी खत्म की जबकि शमी ने रबाडा के रूप में पारी का पांचवां और टेस्ट मैचों में 200वां विकेट लिया। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने इस बीच बुमराह की अनुपस्थिति का भी फायदा उठाया जिन्हें अपने छठे ओवर के दौरान टखने में मोच आने के कारण मैदान छोडऩा पड़ा था। उन्होंने तीसरे सत्र में गेंदबाजी की और केशव महाराज (12) का विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका की पारी का अंत किया। सुपरस्पोर्ट पार्क की पिच पर सुबह के सत्र में एनगिडी और रबाडा ने जलवा दिखाया। इन दोनों ने पिच से मिल रही तेजी और उछाल के बीच लगातार फुललेंथ गेंदें की। रबाडा ने राहुल को हालांकि शार्ट पिच गेंद पर आउट करके भारत को सुबह पहला झटका दिया। राहुल पसली की ऊंचाई तक उठी गेंद को पुल नहीं कर पाये और विकेटकीपर च्ंिटन डिकॉक को आसान कैच दे बैठे। अंजिक्य रहाणे (48) अर्धशतक पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने एनगिडी की लेंथ वाली गेंद को ड्राइव करने का प्रयास किया लेकिन वह बल्ले का किनारा लेकर डिकॉक के सुरक्षित दस्तानों में समा गयी। रविचंद्रन अश्विन (चार) के लिये रबाडा की अतिरिक्त उछाल लेती गेंद बल्ले का किनारा लेकर हवा में लहरा गयी। एनगिडी की कोण लेती गेंद पंत (आठ) के बल्ले और पैड से लगकर फारवर्ड शार्ट लेग के क्षेत्ररक्षक के पास गयी। ठाकुर भी चार रन ही बना पाए। बुमराह (14) और शमी (आठ) ने दो – दो चौके लगाकर स्कोर 327 रन तक पहुंचाया।
मैं एक ऐसे गांव से हूं जहां आज भी कोई सुविधा नहीं :शमी
सेंचुरियन । तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में मिली सफलता का श्रेय अपने पिता और अपने भाई को दिया है। शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जि़ले के एक गांव सहसपुर अली नगर के रहने वाले हैं और उनका कहना है कि यह उनके परिवार का प्रोत्साहन था, जिसके कारण वह क्रिकेट में आगे बढ़ सके और अंतत: 200 टेस्ट विकेट लेने वाले केवल पांचवें भारतीय तेज़ गेंदबाज़ बन गए। उन्होंने सेंचुरियन टेस्ट के तीसरे दिन यह उपलब्धि हासिल की, दक्षिण अफ्ऱीका की पहली पारी में पांच विकेट लेते हुए शमी इस मुक़ाम तक पहुंचे। शमी ने 44 रन देकर 5 विकेट लिए और इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम को 130 रनों की बढ़त प्राप्त हुई।
शमी ने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, कि मैं अपनी सफलता के लिए अपने पिता को श्रेय देना चाहता हूं। मैं एक ऐसे गांव से आता हूँ जहां आज भी कोई सुविधा नहीं है। खेलने के लिए मेरे पिता मुझे वहां से 30 किमी की यात्रा करने के लिए बार-बार प्रेरित करते थे, और कभी-कभी मेरे साथ भी जाते थे। वह हर संघर्ष में मेरे साथ रहे। मैं हमेशा अपने पिता और भाई को श्रेय देता हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया। और उन परिस्थितियों और उस स्थिति में खेलने में मेरी मदद की। अगर मैं आज यहां हूं, तो इसका श्रेय उन्हें जाता है।
शमी उस टीम के तेज़ गेंदबाज़ी इकाई के एक प्रमुख घटक हैं जिसने भारत को एक ऐसी टीम में बदल दिया है, जो पूरी दुनिया में नियमित रूप से टेस्ट मैच जीतती है। यह पूछे जाने पर कि उस समूह को बनाने का श्रेय किसका है, शमी ने कहा कि गेंदबाज़ों के द्वारा किए गए काम और मेहनत को पहचानना महत्वपूर्ण था।
उन्होंने कहा, अगर भारत की तेज़ गेंदबाज़ी इतनी मज़बूत है, तो यह हमारे अपने कौशल के दम पर आई है, हम सब यहां अपनी ताक़त बनाकर आए हैं। आप कह सकते हैं कि यह पिछले 6-7 वर्षों में हमारे द्वारा की गई कड़ी मेहनत का परिणाम है। हां, हमारे पास हमारे कौशल का समर्थन करने के लिए हमेशा सहायक कर्मचारी उपलब्ध रहते हैं, लेकिन आप एक व्यक्ति का नाम नहीं ले सकते हैं। यह पिछले 6-7 वर्षों में हमने जो काम किया है, यह उसका परिणाम है। इसलिए मैं उस कड़ी मेहनत को श्रेय देता हूं, और श्रेय हमेशा उस व्यक्ति को जाना चाहिए जिसने कड़ी मेहनत की है।
शमी का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि ये एक भारतीय गेंदबाजी प्रयास का नेतृत्व था, जहां जसप्रीत बुमराह चोटिल होकर मैदान से बाहर हो गए थे। काफ़ी देर तक बुमराह गेंदबाज़ी करने के लिए मैदान पर उपलब्ध नहीं थे। शमी ने कहा, यह गंभीर चोट नहीं है, मैदान पर वापस आकर उन्होंने गेंदबाज़ी भी की, लेकिन ज़ाहिर है, जब आपकी यूनिट में एक गेंदबाज़ की कमी होती है, तो आप पर हमेशा अतिरिक्त दबाव होता है। ख़ासकर टेस्ट मैचों में जहां आपको लंबे समय तक गेंदबाजी करनी होती है।
बुमराह अंतत: मैदान पर लौटे और दक्षिण अफ्ऱीका की पारी का अंतिम विकेट भी लिया। शमी ने कहा, बुमराह ठीक हैं। जैसा कि आपने देखा, वह वापस आए और गेंदबाज़ी करते हुए आखऱिी विकेट भी लिया। जब गेंदबाज़ी करने के दौरान आपके टखने मुड़ जाते हैं तो यह हमेशा दर्दनाक होता है, और आप हमेशा उम्मीद करते हैं कि यह जल्दी से ठीक हो जाए, लेकिन वह मैदान पर वापस आए और यहां तक कि एक घंटे के लिए क्षेत्ररक्षण भी किया, इसलिए मुझे लगता है कि वह ठीक है।