September 21, 2024

गरुड़ में जब स्वतंत्रता सेनानी ने अंग्रेजों के बंदूक के सामने निकाली खुखरी, दर्जनों हुये सम्मानित

बागेश्वर गरुड़ । गरुड़ में नवनिर्मित भ्रामरी जनकल्याण समिति ने अपने पहले कार्यक्रम 75वे गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर विकास खण्ड गरूड़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अमूल्य योगदान को याद करते हुए नमन किया और 24 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित कर शुभारंभ किया।

समारोह में वक्ताओं ने कहा कि सेनानियों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा उन्होंने देश की आन, बान, शान की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। हम, हमारा समाज तथा हमारा देश स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का हमेशा ऋणी है।

सभा में उपस्थित राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट सहित अन्य गणमान्यों ने सेनानियों के जीवन के आदर्शों को अपनाकर जीवन को श्रेष्ठ बनाने और भारत माता को उच्च शिखर पर पहुंचाने को कहा।
अपने सम्बोधन मे पूर्व दर्जा राज्य मंत्री कवि व लेखक श्री गोपाल दत्त भट्ट ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय कत्यूर घाटी के लोगो ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था।
उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब गड़सेर के एक स्वतंत्रता सेनानी को अंग्रेज सिपाही पकड़कर मारते हुए ले जा रहे थे तो ग्राम बंड के स्वतंत्रता सेनानी श्री कुँवर सिंह पुत्र महेंद्र सिंह से यह देखा नही गया और उन्होंने तुरंत अपनी जेब से उन्हें मारने के लिए खुखरी निकाल ली थी ।तभी वहां पर उपस्थित कुछ लोगो ने उन्हें समझाया कि अंग्रेजों के बन्दूक के सामने हमारी खुखरी उनका मुकाबला नही कर पायेगी और यहाँ पर बहुत बड़ा जनसमूह बेमौत मारा जाएगा तब उन्होंने अपनी खुखरी वापस जेब मे रख ली थी।
बाद में इन्होंने 1941 के व्यक्ति गत सत्याग्रह में भी भाग लिया जिसके कारण अंग्रेजों ने इन्हें 6 माह का कारावास व 100 रुपये का जुर्माना भी लगाया ।
इसी के अगले वर्ष फिर 1942 में इन्होंने अंग्रेजों की खिलाफत कर दी और स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े जिसके फलस्वरूप पुनः इनको 8 महीने की जेल अंग्रेजों द्वारा की गई।
आज इनके पौत्र श्री जगदीश सिंह नेगी जी को भी समिति द्वारा सम्मानित किया गया।

समारोह में कत्यूर घाटी गागरीगोल के सक्रिय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री खीमानंद पन्त के सुपुत्र सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्री मोहन चन्द्र पन्त ने तत्कालीन समय में ब्रिटिश सरकार से सेनानी पन्त सहित अन्य सेनानियों के संघर्ष, कुली बेगार, सविनय अवज्ञा आदि को विस्तार से बताया।

भ्रामरी जनकल्याण समिति ने सेनानियों के परिवारजनों को बैज अलंकरण के साथ शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

समारोह की अध्यक्षता भैरव नाथ टम्टा, विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट व संचालन चन्द्र शेखर बड़सीला व नन्दन सिंह अलमिया ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम के अंत मे समिति के अध्यक्ष श्री रतन सिंह किरमोलिया ने सभी उपस्थित जनसमूह का हार्दिक आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर फुलारा, त्रिलोक बुटोला, वीरेन्द्र सिंह दोसाद, आशा बुटोला, डी के जोशी, मोहन जोशी रमेश पांडे सचिव, दीपक पाठक , दिनेश नेगी , अनिल पांडे , अर्जुन राणा, बबलू नेगी, प्रेम सिंह, मोहन चन्द्र पन्त आनंद बिष्ट अखिल जोशी नीरज पन्त धाम सिंह नेगी , राजेंद्र किरमोलिया,देवेन्द्र सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।