November 21, 2024

जलनिगम में डेढ़ साल में मुख्यालय यूनिट का पांचवी बार बदला पीएम


देहरादून । जल निगम मुख्यालय में अस्थाई तौर पर खोली गई निर्माण यूनिट में डेढ़ साल के भीतर पांचवी बार प्रोजेक्ट मैनेजर बदल दिया गया है। अपने गठन के समय से ही ये यूनिट विवादों में रही है। इस यूनिट में जितने भी पीएम तैनात किए गए, उन्होंने तैनाती के कुछ ही समय बाद खुद को हटाने की मांग की। एमडी जल निगम रणवीर सिंह चौहान की ओर से मुख्यालय की निर्माण यूनिट में प्रोजेक्ट मैनेजर का जिम्मा अधिशासी अभियंता विधि लिपिका कवि को दिया गया। अभी तक ये चार्ज अधिशासी अभियंता मुख्यालय शशि राणा के पास था। उनसे ये चार्ज हटा दिया गया है। डेढ़ साल में इस यूनिट को पांचवी बार नया प्रोजेक्ट मैनेजर दिया जा रहा है।
इन पांच तैनातियों में रोचक तथ्य ये है कि पांचों बार दो ही अधिशासी अभियंताओं को बार बार आपस में बदला गया। डेढ़ साल पहले यूनिट गठन के समय प्रोजेक्ट मैनेजर लिपिका कवि को बनाया गया। इसके बाद ये जिम्मा शशि राणा को मिला। कुछ ही समय बाद फिर लिपिका कवि को पीएम बनाया। दोबारा शशि राणा को फिर चार्ज दिया गया। अब एकबार फिर लिपिका कवि को पीएम बना दिया गया। ये स्थिति तब है, जबकि ये दोनों ही पीएम खुद इस यूनिट से हटाने की मांग समय समय पर कर चुकी हैं।
सचिव पेयजल दो बार यूनिट को बंद करने के दे चुके हैं आदेश
मुख्यालय की इस यूनिट को तत्काल बंद करने के आदेश खुद सचिव पेयजल अरविंद सिंह हंयाकी दो बार कर चुके हैं। इसके बावजूद इस यूनिट को बंद करने की बजाय बिना पर्याप्त स्टाफ वाली इस यूनिट को लगातार काम दिया जा रहा है।
पूरे प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक के काम
मुख्यालय की इस यूनिट के पास पूरे प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक के काम हैं। ये काम उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, हरिद्वार, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत जैसे दुरुस्थ क्षेत्रों में हैं। इन कार्यों की निगरानी, देखरेख को कभी भी पीएम मौके पर नहीं जा पाए हैं। एक एई, जेई भी काम की देखरेख की बजाय महज खानापूर्ति तक सीमित हैं।