राजस्व पुलिस की टीम ने लिया अंग्यारी महादेव मंदिर का जायजा
बागेश्वर. । राजस्व पुलिस की टीम गोमती घाटी के दूरस्थ जंगल में स्थित अंग्यारी महादेव मंदिर पहुंची और मंदिर का बारीकी से जायजा। इस मौके पर टीम ने समाधिस्थ महाराज के सेवक अंगीरा ऋषि मुनि दास से काफी देर तक पूछताछ की और आवश्यक जानकारी जुटाई। विदित रहे कि राजस्व पुलिस क्षेत्र पिंगलों के अंतर्गत मजकोट गांव की ऊपरी पहाड़ी में घने जंगल के बीच स्थित अंग्यारी महादेव के पुजारी निर्वाणी महाराज का शव संदिग्ध परिस्थितियों में राजस्व पुलिस ने गत मंगलवार को मंदिर के पास से ही बरामद किया था। यहां महाराज लगभग दस वर्षों से रहते थे। इस बीच वे बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने गए थे। गत शनिवार को वे कर्णप्रयाग से एक बस द्वारा यहां लौटे और माई थान से पैदल मंदिर की ओर चल दिए। लेकिन मंदिर नहीं पहुंच पाए। गत मंगलवार को कुछ ग्रामीणों ने पुजारी का शव मंदिर से पांच सौ मीटर दूर जंगल की एक पहाड़ी पर देखा और राजस्व पुलिस को सूचना दी। सूचना पर राजस्व पुलिस ने महाराज का शव बरामद किया और पीएम के बाद बुधवार को भक्तों को सौंप दिया था। गुरुवार को मंदिर परिसर में साधु समाज की रस्म अदा करने के बाद महाराज को समाधि दी गई। शुक्रवार को राजस्व उप निरीक्षक रघुवीर सिंह फर्सवाण, कुंदन प्रसाद आदि ने ग्वालदम, खनसर, माई थान व मजकोट के कुछ ग्रामीणों से भी पूछताछ की। महाराज के सेवक अंगीरा ऋषि मुनि दास ने टीम को बताया कि शनिवार की सुबह आरती के बाद उनकी महाराज से फोन पर बात हुई। फिर शाम को फोन किया, लेकिन महाराज का फोन नहीं लगा। फिर लगातार फोन किया, लेकिन फोन नहीं लगा। रविवार को चार-पांच लड़के मंदिर के पीछे आए और एक लड़का पानी पीने भी आया। लेकिन वे उनको नहीं जानते थे। फिर वे चले गए। उन्होंने बताया कि वे एक साल एक महीने से यहां महाराज के साथ ही रहते हैं। इधर मजकोट के पूर्व ग्राम प्रधान मदन मोहन गुसाई, बलवंत बोरा, ललित मोहन, वीरेंद्र सिंह आदि ने राजस्व पुलिस से शीघ्र हत्या का पर्दाफाश करने की मांग की है।