November 25, 2024

राकेश झुनझुनवाला ने बेच दिए इस कंपनी के 57.5 लाख शेयर, खबर सुन निवेशकों में भगदड़, 10प्रतिशत तक टूटा स्टॉक

एफआईआई की बिकवाली के बीच शेयर बाजार को राहत देते डीआईआई
नयी दिल्ली । गत आठ माह से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाल बने हुए हैं, ऐसे में गत 15 माह से लगातार लिवाली करने वाले घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) से शेयर बाजार राहत की सांस ले पा रहा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक एफआईआई ने मई में बाजार से 4.9 अरब डॉलर की पूंजी निकाली जबकि डीआईआई ने 6.1 अरब डॉलर का निवेश किया। एफआईआई ने गत एक साल में कुल 25 अरब डॉलर की पूंजी निकासी की है। एफआईआई की बिकवाली का यह दौर वैश्विक वित्तीय संकट के बाद का सबसे बड़ा दौर रहा है। निफ्टी मई में माह दर माह आधार पर तीन प्रतिशत लुढक़कर 16,585 अंक पर आ गया। यह गिरावट का लगातार दूसरा माह और मार्च 2020 के बाद तीसरा बड़ी मासिक गिरावट थी।
मई में भारतीय बाजार गिरावट झेलने वाले बाजारों में शामिल रहा। भारतीय बाजार तीन फीसदी, रूस सात फीसदी और इंडोनेशिया एक फीसदी लुढक़ा। दूसरी तरफ चीन में पांच प्रतिशत, ब्राजील तीन प्रतिशत, जापान दो प्रतिशत और ताइवान तथा ब्रिटेन एक-एक प्रतिशत उछला। गत 12 माह के दौरान एमएससीआई इंडिया सात प्रतिशत की तेजी में रहा जबकि एमएससीआई ईएम 22 प्रतिशत की गिरावट में रहा।
क्षेत्रवार वाहन पांच प्रतिशत और कंज्यूमर एक प्रतिशत की तेजी में रहा। दूसरी तरफ धातु 16 प्रतिशत, यूटिलिटीज 11 प्रतिशत, तेल एवं गैस 10 प्रतिशत और रियल एस्टेट सात प्रतिशत की गिरावट में रहा। भारत का बाजार पूंजीकरण-जीडीपी अनुपात उतार-चढ़ाव के बीच रहा। वित्त वर्ष 19 में यह 80 प्रतिशत था, जो मार्च 20 में 56 प्रतिशत पर आ गया। इसका दीर्घावधि औसत 79 प्रतिशत है जो मौजूदा समय में 112 प्रतिशत पर आ गया है। यह अनुपात कैलेंडर वर्ष 07 के बाद सर्वाधिक है। वित्त वर्ष 23 के अनुमानित जीडीपी विकास दर के आधार पर यह अनुपात 98 प्रतिशत पर रहेगा।
एक्युइट रेटिंग्स के मुताबिक, विश्व के प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति के सख्त करने से वैश्विक पूंजी बाजार में भारी उथलपुथल मची हुई है, जो चिंता की बात है। इसी वजह से एफआईआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ रहा है। रुपये पर पहले से ही बढ़ते चालू खाता घाटा का दबाव है।
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)खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने थामी शेयर बाजार में गिरावट
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते सात जून को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक कार्यक्रम में कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारी बिकवाली के दबाव से शेयर बाजार को घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) की बचा रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि खुदरा निवेशक बाजार के उथलपुथल के बीच स्थिरता बनाए रखे हुए हैं। भारतीय बाजार पर अब एफपीआई की बिकवाली का उतना अधिक असर नहीं हो रहा है, क्योंकि खुदरा निवेशकों का आधार बहुत बढ़ गया है।
कोविड काल के बाद से देश में खुदरा निवेशकों की संख्या बहुत बढ़ी है और पिछली कुछ तिमाहियों में इसमें और तेजी दर्ज की गई है। कारोबारी विश्लेषकों का कहना है कि अधिक तरलता की वजह से खुदरा निवेशक बढ़े हैं। ब्याज दर में बढ़ोतरी उद्योगों और कॉरपोरेट के लिए ऋण की लागत बढ़ा देता है, जिससे आर्थिक विकास की दर प्रभावित होती है। विदेशी निवेशकों ने गत आठ माह में भारतीय बाजार से 42 अरब डॉलर या 3.26 लाख करोड़ रुपये की पूंजी निकाली है। घरेलू निवेशकों ने समान अवधि में 32 अरब डॉलर यानी ढाई लाख करोड़ रुपये निकाले।
मॉर्गन स्टेनली ने गत अप्रैल में कहा था कि घरेलू निवेशकों की होल्डिंग 2015 से 600 आधार अंक बढ़ी है, जबकि एफपीआई में करीब 150 आधार अंक की गिरावट आई है। वित्तवर्ष 20 से डीमैट अकांउट की संख्या सात गुना बढ़ी है। वित्तवर्ष 20 में नए डीमैट अकांउट की संख्या औसतन चार लाख प्रतिमाह थी। वित्तवर्ष 21 में यह बढक़र 12 लाख तथा वित्तवर्ष 22 में यह बढक़र 29 लाख हो गया। मार्च 2019 तक कुल डीमैट अकांउट की संख्या 3.6 करोड़ थी, जो गत साल बढक़र 7.7 करोड़ हो गई।
शेयर बाजार तक आम लोगों की पहुंच बनाने में इंटरनेट और मोबाइल आधारित निवेश प्लेटफॉर्म के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। देश में खुदरा निवेशकों के साथ घरेलू संस्थागत निवेशकों की संख्या भी बढ़ी है।

राकेश झुनझुनवाला ने बेच दिए इस कंपनी के 57.5 लाख शेयर, खबर सुन निवेशकों में भगदड़, 10प्रतिशत तक टूटा स्टॉक
नई दिल्ली ,। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने गेमिंग और हॉस्पिटैलिटी फर्म डेल्टा कॉर्पोरेशन में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच दी। राकेश झुनझुनवाला ने थोक डील्स के जरिए इस फर्म में 57.5 लाख से अधिक शेयर बेच दिए। राकेश झुनझुनवाला ने इसे 167.17 रुपये प्रति शेयर पर बेचा है। इस खबर के बाद डेल्टा कॉर्प के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली। इंट्रा डे में कंपनी के शेयर लगभग 10 पर्सेंट तक टूट गया था और यह अपने 52 वीक के बेहद करीब ?166.65 पर पहुंच गया था। हालांकि, बाद में कुछ सुधार हुआ और शेयर 5प्रतिशत की गिरावट के साथ 175.10 रुपये पर बंद हुए।
कितनी है झुनझुनवाला की हिस्सेदारी
पिछले साल मार्च तिमाही में शेयरधारिता पैटर्न के अनुसार, दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला के पास कंपनी में 1.15 करोड़ शेयर या 4.30 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इस बीच, रेखा झुनझुनवाला के पास कंपनी में अलग से 3.18 फीसदी या 85 लाख शेयर थे। दोनों का मिलाकर दंपति के पास कंपनी में 2 करोड़ इक्विटी शेयर या 7.48प्रतिशत थे।
कंपनी के शेयरों का हाल
पिछले कुछ महीनों में डेल्टा कॉर्प के शेयरों में भारी गिरावट आई है। एक महीने में डेल्टा के शेयरों में 28त्न से ज्यादा की गिरावट आई है। जबकि पिछले तीन महीनों में शेयरों में 46प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। डेल्टा कॉर्प का स्टॉक 5-दिन, 20-दिन, 50-दिन, 100-दिन और 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है।
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)25 रुपये से 1000 के पार पहुंचे शेयर, अब यह कंपनी हर शेयर पर दे रही 100 रुपये का डिविडेंड
नई दिल्ली , । एक टायर कंपनी के शेयरों ने पिछले कुछ साल में जबरदस्त रिटर्न दिया है। यह टायर कंपनी गुडईयर इंडिया है। कंपनी के शेयर पिछले कुछ साल में 25 रुपये से बढक़र 1000 रुपये के स्तर को पार कर गए हैं। गुडईयर इंडिया अब निवेशकों को तगड़ा मुनाफा बांटने की तैयारी में है। स्मॉल-कैप कंपनी गुडईयर इंडिया अपने इनवेस्टर्स को हर शेयर पर 100 रुपये का डिविडेंड देने की तैयारी में है। कंपनी के शेयर सोमवार, 20 जून 2022 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 1018.65 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं।  
1 लाख रुपये के बन गए 40 लाख रुपये से ज्यादा
गुडईयर इंडिया के शेयर 11 अप्रैल 2003 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 25 रुपये के स्तर पर थे। कंपनी के शेयर 20 जून 2022 को बीएसई में 1018.65 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति ने 11 अप्रैल 2003 को कंपनी के शेयरों में 1 लाख रुपये लगाए होते और अपने इनवेस्टमेंट को बनाए रखा होता तो मौजूदा समय में यह पैसा 40.74 लाख रुपये होता। गुडईयर इंडिया के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 1,330.30 रुपये है।
1000प्रतिशत का डिविडेंड दे रही है गुडईयर इंडिया
टायर कंपनी गुडईयर इंडिया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए हर शेयर पर 200 पर्सेंट (प्रत्येक शेयर पर 20 रुपये ) का फाइनल डिविडेंड और 800 पर्सेंट ( हर शेयर पर 80 रुपये) का स्पेशल डिविडेंड देना रिकमंड किया है। यानी, कंपनी के हर शेयर पर 100 रुपये का डिविडेंड निवेशकों को मिलेगा। गुडईयर इंडिया के शेयरों का 52 हफ्ते का लो-लेवल 844 रुपये है। कंपनी को मार्च 2022 तिमाही में 17.39 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। वहीं, फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 102.89 करोड़ रुपये रहा है।
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